src='https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-892JG4KGS4'/> सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation का आशय

सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation का आशय





Continuous-and-Comprehensive-Learning and-Evaluation-aashay



सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्याकन भारत के स्कूलों में मूल्यांकन के लिए लागू की गई एक नीति है जिसे वर्ष 2009 में आरंभ किया गया था सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation की आवश्यकता शिक्षा के अधिकार को सुचारू रूप से प्रारंभ करने के लिए आवश्यक हो गया था यह मूल्यांकन प्रक्रिया देश के राज्य सरकार के परीक्षा बोर्ड तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा शुरू की गई है इस पद्धति को कक्षा पहली से लेकर कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाता है कुछ स्टेट द्वारा यह कक्षा बारहवीं के लिए भी लागू की गई है



आप यहां जानेंगे इस प्रक्रिया का इतिहास Histry क्या है सत्ता एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन क्या है


Continuous-and-Comprehensive-Learning and-Evaluation-aashay



  1. मूल्यांकन का तात्पर्य क्या है
  2. इस पद्धति का दार्शनिक आधार क्या है
  3. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 क्या है
  4. पाठ्यचर्या में मूल्यांकन का स्थान क्या होना चाहिए

योजनाओं के उद्देश्य इन सभी जानकारियों को हम इस लेख में लेकर आ रहे हैं और साथ ही साथ राज्य द्वारा संपादित होने वाली विभिन्न गतियां जैसे मैं बात करूंगा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने योजना की भी यह प्राथमिक स्तर माध्यमिक स्तर और हाईस्कूल स्तर पर सतत अपनाई जाने वाली या प्रारंभ की जाने वाली एक महत्वपूर्ण शासन की योजना है



आपको मै बताऊंगा State राज्य द्वारा समय-समय पर कौनसी-कौनसी गतिविधियां आयोजित की जा रही है तो आइए जानते हैं इसको विस्तार से और मुझे पूरा विश्वास है कि मध्यप्रदेश में आयोजित की जाने वाली सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation प्रक्रिया के संबंध में राज्य स्तरीय सलाहकार समिति या निर्माण समिति द्वारा कुछ फेसबुक चैनल बनाए गए हैं Youtube Chainal यूट्यूब चैनल बनाए गए हैं उनको मैं यहां पर लिंक Link के माध्यम से आपको उपलब्ध करा कर जानकारी देने का प्रयास करूंगा जिसकी लिंक नीचे दी गई है साथ ही साथ यहां पर आपको मिलेगा शासन से समय-समय पर जारी आदेश किए गए हैं और एमपी विमर्श पोर्टल पर भी सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation के लिए कुछ वीडियो अपलोड किए गए हैं जिसे आप देखकर इस योजनाओं को अधिक समझ सकते हैं


हमारे Web page https://www.youngyouthindiacareerknowlege.com OR YOUNG YOUTH INDIA CAREER KNOWLEDGE पर देख रहे है


सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation का इतिहास




अभी हमने आपको बताया सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन का राज्य और केंद्र के school में उपयोग कब से प्रारंभ किया गया और इसका उद्देश्य क्या है भारत सरकार द्वारा पूर्व में शिक्षा के प्रसार प्रचार के लिए विभाग संचालित था जिसका नाम मानव संसाधन विकास मंत्रालय था जो आज बदलकर नीति आयोग हो गया है और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के प्रयास से दिनांक 20 सितंबर 2009 को घोषित किया जिसमें सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन सीसीई को सुदृढ़ बनाया जाएगा



आगे आप जानेगे अक्टूबर 2009 से कक्षा नौवीं के लिए सभी संबंध स्कूलों में उपयोग किया जाएगा उस समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आगे पत्र जारी कर बताया की वर्तमान शैक्षिक सत्र 2009-10 से कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए नई ग्रेडिंग प्रणाली लागू की जाएगी दिनांक 29 सितंबर 2009 के शासन के पत्र क्रमांक 40/29/9/2009 में उल्लेखित कक्षाओं के लिए लागू की जाने वाली ग्रेडिंग प्रणाली के सभी विवरण प्रदान किए गए थे सीबीएसई ने 6 अक्टूबर 2009 से प्रशिक्षक प्रशिक्षण फॉर्मेट में कार्यशाला के माध्यम से देश के समस्त स्कूलों में केंद्र आधारित योग राज्य आधारित स्कूलों में सतत तथा व्यापक मूल्यांकन प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया था



Continuous-and-Comprehensive-Learning and-Evaluation-aashay




सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation  मूल्यांकन क्या है




सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है Student छात्रों को विद्यालय आधारित मूल्यांकन की योजना से छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल होते हैं यह निर्धारण करने की एक प्रक्रिया है जिसमें दोहरे उद्देश्य पर बल दिया जाता है यह उद्देश्य व्यापक आधारित अधिगम और दूसरी ओर व्यवहार गत परिणामों Results  के मूल्यांकन तथा निर्धारण की निरंतरता में सहायक होते हैं सतत एवं व्यापक मूल्यांकन योजना में शब्द का अर्थ है छात्र की वृद्धि और विकास के अभी ज्ञात पक्षों का मूल्यांकन करने पर बल देना जो एक घटना के बजाय एक सतत प्रक्रिया है जो संपूर्ण अध्यापन अभिगमन प्रक्रिया में निर्मित है और शैक्षिक सत्र के पूरे विस्तार में फैली हुई है इसका आशय यह है के छात्र की निर्धारण की नियमितता यूनिट परीक्षा की आवृत्ति अधिगम के अंतरालओं का निदान सुधारात्मक उपायों का उपयोग पुनः परीक्षा और स्वयं मूल्यांकन करना है



इससे अन्य रूप में परिभाषित किया जाता है व्यापक का अर्थ है इस योजना में छात्रों की वृद्धि और विकास में शैक्षिक तथा शैक्षणिक दोनों ही पक्षों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है क्योंकि क्षमताओं मनोवृति या और अभी रुचियां अपने आपको लिखित शब्दों के अलावा अन्य रूपों में प्रकट करती है अतः यह शब्द विभिन्न साधनों और तकनीकीओं के अनुप्रयोग के लिए उपयोग किया जाता है जैसे परीक्षा और गैर परीक्षा दोनों में इसे आप ले सकते हैं तथा इसका लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कुछ मापदंड दिए गए हैं जो आपको बताए जा रहे हैं


  1. ज्ञान
  2. समझ लागू करना
  3. विश्लेषण करना
  4. मूल्यांकन करना
  5. श्रजन  करना
  6. आकलन करना
  7. मापन करना
  8. परीक्षा या परीक्षण करना



इस प्रकार यह योजना एक पाठ्यचर्या संबंधित पहल है जो परीक्षा को सतत अधिगम की ओर विस्थापित करने का प्रयास करती है इसका लक्ष्य अच्छे नागरिक बनना है जिसका स्वास्थ्य अच्छा हो उसके पास उपयुक्त कौशल तथा वांछनीय गुणों के साथ शैक्षिक क्षमता अच्छी हो यह आशा की जाती है कि इससे छात्र जीवन की चुनौतियों को आत्मविश्वास और सफलता के साथ पूरा कर सकेंगे



सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation से निकलने वाला अर्थ का आशय

 Watch Vedio-दिनाक 02/०7/2022 को आयोजित 4 बजे


दिनाक 02/०7/2022 को आयोजित 4 बजे आदरणीय चतुर्वेदी सर , श्री डोलस सर ,श्री नेमा सर श्री ठाकुर सर दिए निर्देश के लिए निचे दिए गए विडिओ को देखिये









मूल्यांकन या आकलन एक संवाद आत्मकथा रचनात्मक प्रक्रिया है जिसके द्वारा शिक्षक को यह ज्ञात होता है कि विद्यार्थी का उचित अधिगम हो रहा है अथवा नहीं हो रहा है मूल्यांकन एक योगात्मक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी पूर्व निर्मित शैक्षिक कार्यक्रम अथवा पाठ्यक्रम की समाप्ति पर छात्रों की शैक्षिक गतिविधियों या उपलब्धियों को ज्ञात किया जाता है मापन आकलन मूल्यांकन की एक तकनीकी है जिसके द्वारा किसी व्यक्तिगत या पदार्थ से निर्मित विशेषताओं का अंक वर्णन किया जाता है परीक्षा तथा परीक्षण आकलन मूल्यांकन एक उपकरण यह पद्धति है जिसके द्वारा परीक्षा या परीक्षण किया जाता है मुख्य रूप से पाठ्यक्रम के ज्ञानात्मक अनुभव कौशल की जांच की जाती है इस तरह इसको हम अनेक अर्थ से परिभाषित कर सकते हैं


Mp Vimash Portal विमर्श, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट, भोपाल, मध्य प्रदेश पर CCLE संबधित अधिक विडिओ देखने यहाँ क्लीक कीजिये


Continuous-and-Comprehensive-Learning and-Evaluation-aashay


 सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation दार्शनिक आधार




शिक्षा का प्राथमिक आशय पुरुष और महिला में पहले से मौजूद संपूर्णता या गुणों को प्रकट करना है शिक्षा का उद्देश्य बच्चे या व्यक्ति का चौमुखी विकास करना है 21वीं सदी के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा आयोग की रिपोर्ट में यूनेस्को ने मनुष्य के जीवन के चार स्तरों का उल्लेख किया है जैसे

  1. भौतिक
  2. बौद्धिक
  3. मानसिक और
  4. आध्यात्मिक

इस प्रकार चहुंमुखी विकास के रूप में शिक्षा का प्रयोजन बौद्धिक मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तरों में प्रत्येक बच्चे की छुपी हुई संभाव्यता का अनुभव करना है देश में पहली बार सीबीएसई ने चौमुखी विकास के इस विशाल लक्ष्य को व्यवहार में लाने का प्रयास किया



समाज में प्रत्येक क्षेत्र में वैश्वीकरण का शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण उद्देश्य है शिक्षा के बढ़ते वाणी व्यवसायीकरण को सर्वत्र देखा जा रहा है अतः विद्यार्थियों को वस्तु बनाने और विद्यालयों के लिए बाजार संबंधित प्रयोगों के अनुप्रयोग और विद्यालयों की गुणवत्ता पर बढ़ते दबाव के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा परिवेश में विद्यालयों को भी घसीटा जा रहा है और माता-पिता की बढ़ती उम्मीदें बच्चों पर तनाव और चिंता का अतिरिक्त भार डाल रही है इसे बहुत कम उम्र के बच्चों की व्यक्तिगत वृद्धि और विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और इस प्रकार उनके सीखने का आनंद कम हो रहा है



छात्र की समस्त शैक्षिक लक्ष्य ज्ञान की प्रकृति और एक सामाजिक स्थल के रूप में विद्यालय की प्रकृति सैद्धांतिक रूप से अनुसार कक्षा अभ्यास को मार्गदर्शन देने में हमारी सहायता हो सकती है इस प्रकार संकलनात्मक विकास संबंधों को गहरा और संबंध करने और अर्थों को नए तरह के अर्जन की सतत प्रक्रिया है यह उन सिद्धांतों का विकास है जिन बच्चों की प्राकृतिक और सामाजिक संसार होता है उनमें उनका आपसी संबंध शामिल है जो उन्हें यह समझता है कि चीजें ऐसी क्यों है इनके कारणों और प्रभावों के बीच संबंध और निर्णय तथा कार्य करने के आधार क्या हो सकते हैं इस प्रकार मनोवृति या भावनाएं और मूल्य बोधात्मक विकास में अविभाज्य हिस्से हैं यह भाषा के विकास मानसिक प्रदर्शन संकल्पना और तर्क शक्ति के विकास से जुड़े हैं



सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा क्या है




राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में परीक्षा में सुधार के लिए प्रस्तावित किए गए अवधारणा को परिभाषित किया गया है वास्तव में बोर्ड को दसवीं कक्षा की परीक्षा को वैकल्पिक बनाती हुई एक दीर्घ अवधि उपाय पर विचार करना चाहिए इस प्रकार छात्रों को विश्वविद्यालय में एक आंतरिक विद्यालय परीक्षा देने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए ऐसी परिकल्पना या अवधारणा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में दी गई थी



राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के बाद एनसीईआरटी द्वारा 2006 में प्रस्तुत परीक्षा सुधार पर स्थिति पत्र जारी किया गया जिसमें और कहा गया



वास्तव में हमारा विचार यह है कि दसवीं कक्षा की परीक्षा को वैकल्पिक बनाया जाए दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे जो उसी विद्यालय में 11वीं कक्षा में पढ़ना चाहते हैं और किसी तात्कालिक प्रयोजन के लिए उन्हें प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है तो उन्हें बोर्ड परीक्षा के वजह विद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठने की स्वतंत्रता होनी चाहिए



प्रत्यक्ष सतत व व्यापक मूल्यांकन के कार्यान्वयन में नेतृत्व कारी और अग्रणी भूमिका प्रदान करने के लिए सीबीएसई cbse के प्रयास एक प्रमुख कदम है जो विद्यालयों का दर्जा बोर्ड bord के समकक्ष भागीदारी के रूप में लाने का प्रयास है जो बोर्ड के निर्देशों के अधीन विद्यालय School द्वारा जारी प्रथक स्वतंत्र प्रमाण पत्र के माध्यम से सार्वजनिक उपयोग हेतु छात्र की प्राप्ति स्तरों का निर्माण करते हैं



सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation  बच्चों के चौमुखी विकास के लिए सहस शैक्षिक गतिविधि




बच्चों के विकास के क्षेत्र में शैक्षिक तथा सह शैक्षिक क्षेत्रों सहित उनके चौमुखी विकास का निर्धारण करने के लिए एक सार्थक कार्यकारी रूपरेखा तैयार करने के लिए संदर्भित की जा सकती है



  1.  अंतर्राष्ट्रीय आयोग के अधिगम के चार स्तंभों की उपरोक्त संकल्पना को प्रभावित किया है जैसे सीखने के लिए अधिगम अधिगम के कौशल अधिगम की शैलियां अधिगम मनोवृति करने के लिए अधिगम निष्पादन के लिए कौशल एक साथ रहने के लिए अधिगम अंतर व्यक्तित्व कौशल विविधता और भिन्नता के लिए सहनशीलता और आदर बनने के लिए अधिगम उत्कृष्टता के लिए प्रयास स्वयं साक्षात्कार के लिए अधिगम
  2. बहु प्रयोजन आसूचना रूपरेखाभाषा विज्ञान संचार तार्किक गणितीय निराकार यांत्रिक तार्किकता संगीत की वाणी वाद्य संगीत की प्रवृत्ति गति बोधक खेल और की राई नृत्य और नाटक शिल्पकला मॉडल बनाना अंतर व्यक्तित्व तनाव प्रबंधन सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं को प्रबंधन आनंददायक आशावादी आशा प्रदा अंतर व्यक्तित्व शमन दल के रूप में कार्य नेतृत्व सहयोग पर्यावरण संबंधित सुंदरता नैतिकता मान्यताएं बागवानी आंतरिक सज्जा स्थानिक स्थान को समझना और व्यवस्थित करना
  3. जीवन कौशल रूपरेखाआत्मा जागरुकता सहानुभूति आलोचनात्मक चिंतन सृजनात्मक चिंतन निर्णय लेना समस्या का समाधान प्रभावी संप्रेषण अंतर व्यक्तित्व संबंध दबाव के क्षेत्र में सामंजस्य बैठाना और आक्रोश के साथ सामंजस्य बैठाना संवेग ऊपर नियंत्रण करना
  4. मनोवृति या रुचियां और अभिरुचि याशिक्षा का लक्ष्य बच्चों को समाज में जिम्मेदार उत्पादक और उपयोगी सदस्य बनाने के लिए सक्षम करना है अधिगम अनुभव द्वारा ज्ञान कौशलों और मनोवृति यों का निर्माण किया जाता है तथा विद्यालयों में छात्रों के लिए अवसर प्रदान किए जाते हैं कक्षा में ही छात्रा अपने अनुभव का विश्लेषण और मूल्यांकन कर सकते हैं संघ का करना प्रश्न पूछना चार्ट पड़ताल करना स्वतंत्र रूप से सोच सीख सकते हैं
  5. पाठ्यचर्या में मूल्यांकन का स्थान पाठ्यचर्या का आशय है समग्रलक्षी पाठ्यक्रम सामग्रियों विधियों और निर्धारण को मिलाजुला कर संपूर्ण अध्यापन अधिगम कार्यक्रम बनाना सापेक्ष में कहा जाए तो यह ज्ञान और क्षमताओं की रूपरेखा प्रदान करता है जिसे एक विशेष स्तर पर उपयुक्त माना जाता है पाठ्यक्रम से प्रयोजन अर्थ और मांगों का एक विवरण मिलता है जिसकी तुलना में व्यक्ति कार्यक्रम की प्रभावशीलता और छात्रों द्वारा की गई प्रगति की जांच करता है मूल्यांकन सेना के छात्रों की प्रगति और उपलब्धियों का मापन किया जाता है बल्कि अध्यापन सामग्री और लेन-देन में प्रयुक्त विधियों का प्रभावशीलता से भी परखा जा सकता है अतः मूल्यांकन को प्रभावी आपूर्ति और अध्यापन अधिगम प्रक्रिया में सुधार के दौरे प्रयोजन के साथ पाठ्यक्रम के घटक के रूप में देखना चाहिए



सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation योजना के उद्देश्य




  1. बोधात्मक साइकोमोटर और भावनात्मक कौशलों के विकास में सहायता करना
  2. विचार प्रक्रिया पर जोर देना और याद करने पर नहीं
  3. मूल्यांकन को अध्यापन अधिगम प्रक्रिया का अविभाज्य अंग बनाना
  4. नियमित निदान और उसके बाद सुधारात्मक अनुदेश के आधार पर छात्रों की उपलब्धि और अध्यापन अधिगम कार्य नीतियों के सुधार हेतु मूल्यांकन का उद्देश्य करना
  5. निष्पादन का वांछित स्तर पर बनाए रखने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण के रूप में मूल्यांकन का उपयोग करना
  6. एक कार्यक्रम की सामाजिक उपयोगिता वांछन इयत्ता या प्रभावशीलता का निर्धारण करना और छात्र सीखने की प्रक्रिया और सीखने के परिवेश के बारे में उपयुक्त निर्णय लेना
  7. अध्यापन और अधिगम की प्रक्रिया को छात्र केंद्रित गतिविधियां बनाना
FAQ 

1   सतत और व्यापक मूल्यांकन के मुख्य सिद्धांत क्या हैं?

सतत और व्यापक सीखने और मूल्यांकन के लिए छवि परिणाम अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सतत और व्यापक मूल्यांकन के उद्देश्य:
  • सीसीई का मुख्य उद्देश्य बच्चे की स्कूल में उपस्थिति के दौरान उसकी हर विशेषता का आकलन या मूल्यांकन करना था।
  • सीसीई बच्चों पर तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • मूल्यांकन को व्यापक और नियमित या व्यवस्थित या एक समान बनाना।
2-सीसीई का सबसे महत्वपूर्ण लाभ क्या है?

सीसीई ग्यारहवीं कक्षा में छात्रों को उनकी अकादमिक सफलता, योग्यता, रुचियों और वरीयताओं के आधार पर अच्छी तरह से सूचित और बेहतर विषय विकल्प बनाने में सक्षम बनाता है।
  •  भावनात्मक बुद्धिमत्ता, 
  • आलोचनात्मक सोच और अन्य जीवन कौशल को प्रोत्साहित करता है




हमारे Web page https://www.youngyouthindiacareerknowlege.com OR YOUNG YOUTH INDIA CAREER KNOWLEDGE पर देख रहे है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ