src='https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-892JG4KGS4'/> PhD will no longer be mandatory in the appointment of Assistant Professor असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अब पीएचडी नहीं होगी अनिवार्य

PhD will no longer be mandatory in the appointment of Assistant Professor असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अब पीएचडी नहीं होगी अनिवार्य


                                          
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जैसा कि आप जानते हैं, UGC यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए अन्य उपाय) विनियम, 2018 निर्धारित करता है कि पीएच.डी. 01.07.2021 से विश्वविद्यालयों में Assistant Professor सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए PhD डिग्री अनिवार्य योग्यता होगी परन्‍तु कुछ किस वजह से यूजीसी ने छुट दी और कब तक के लिये यूजीसी ने  छुट दी है व वजह क्‍या है ।

वजह क्‍या है PhD में छुअ की  ।


यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों के विभागों और कालेजों में Assistant Professor सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। आपको बता दे की यह अनिवार्यता केवल 1 जुलाई 2021 से 1 जुलाई 2023 तक पीएचडी में होने वाली भर्तियों के लिए खत्म की गई है। कोविड-19 के मद्देनजर सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक जुलाई 2021 से एक जुलाई 2023 तक होने वाली भर्तियों के लिए पीएचडी की अनिवार्यता का रोक लगाया है।

PhD पीएचडी में छुट देने का मुख्‍य कारण क्‍या है



यूजीसी ने इस फैसले के संबंध में देश के सभी विश्वविद्यालयों के विभागों और कालेजों को एक परिपत्र जारी किया है। उम्मीदवारों को यह राहत इसलिए दी गई है कि, जिससे यूनिवर्सिटी में खाली पड़े शिक्षकों Assistant Professor की भर्ती की जा सके। पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड के कारण केवल इस साल पीएचडी अनिवार्यता के लिए रोक लगी है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है।


केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री ने ऐसा क्‍यो उठाया



केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री बातचीत के दौरान कहा था कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में Assistant Professor पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य है। लेकिन अब इस मानदंड को शिक्षा मंत्रालय द्वारा सिर्फ इसी सत्र के लिए हटा दिया गया है, ताकि संस्थानों में रिक्त पदों को समय पर भरा जा सके और संकाय और प्रोफेसरों की संभावित कमी के कारण शिक्षा प्रभावित न हो। दरअसल, हमें उन उम्मीदवारों से बहुत सारे अनुरोध प्राप्त हो रहे थे जो पद के लिए आवेदन करना चाहते थे, लेकिन पीएचडी पूरा करने में असमर्थ थे। इसलिए इस बाध्यता को फिलहाल इसी वर्ष के लिए खत्म किया गया है।

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पीएचडी की अनिवार्यता संबध में कब जारी किया था आदेश



वर्तमान में पीजी डिग्री वाले उम्मीदवार, जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है, Assistant Professor पद पर भर्ती के लिए पात्र होंगे। इससे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सभी खाली सीटों को जल्दी भरने में मदद मिलेगी। ज्ञात हो कि पहले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए नेट क्वालिफाई होना जरूरी था। परन्‍तु साल 2018 में केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया था कि इस स्तर पर नौकरी पाने के लिए नेट के अलावा उम्मीदवारों की पीएचडी आवश्यक कर रिया गया था।उक्त विनियमों में संशोधन को राजपत्र में दिनांक 11.10.2021 को अधिसूचित किया गया है।




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