1-राष्ट्रीय स्तर पर होगी Madhya Pradesh मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता Online ऑनलाइन क्विज-2021
2-मंत्री की अध्यक्षता में Environment पर्यावरण राज्य-स्तरीय Environment पर्यावरण परिषद गठित
3-अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन के लिए एम.ओ.यू. मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan की उपस्थिति में हुआ
4-अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन 200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना
1-राष्ट्रीय स्तर पर होगी Madhya Pradesh मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता Online ऑनलाइन क्विज-2021
- जैव-विविधता धरोहर, संरक्षण, प्राकृतिक संसाधन, जलवायु परिवर्तन और Environment पर्यावरण आदि विषयों के प्रति जागरूकता के विस्तार के साथ ज्ञानवर्द्धन कराने के मकसद से राष्ट्रीय स्तर पर Madhya Pradesh मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता Online ऑनलाइन क्विज-2021 का आयोजन किया जायेगा।
- Website पर रजिस्ट्रेशन mp.mygov.in किजिये
- Madhya Pradesh मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड द्वारा यह Online ऑनलाइन क्विज 24 अक्टूबर को होगी। प्रतियोगिता में सभी वर्ग के लोग भाग ले सकेंगे। रजिस्ट्रेशन mp.mygov.in पर कराकर क्विज में भाग लिया जा सकेगा।
- प्रतियोगिता परीक्षा कैसे होगी
- यह Online ऑनलाइन क्विज पूरे दिन Online ऑनलाइन होगी। प्रतिभागी सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच किसी भी समय प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। क्विज का समय कुल 10 मिनिट का होगा। पंजीयन सह परीक्षा की कुल अवधि 15 मिनिट होगी। प्रतिभागी विद्यालयों और विद्यार्थियों को 4 जी नेटवर्क का उपयोग करना जरूरी किया गया है।
2-मंत्री की अध्यक्षता में Environment पर्यावरण राज्य-स्तरीय Environment पर्यावरण परिषद गठित
- Madhya Pradesh मध्यप्रदेश शासन ने आत्म-निर्भर Madhya Pradesh मध्यप्रदेश-2023 के संकल्प के अनुरूप राज्य-स्तरीय Environment पर्यावरण परिषद का गठन किया है। Environment पर्यावरण मंत्री श्री Hardeepsingh Dangकी अध्यक्षता में गठित परिषद में उपाध्यक्ष प्रमुख सचिव Environment पर्यावरण होंगे। परिषद प्रदेश के Environment पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की नवीन परियोजनाओं के निर्माण के लिये रणनीतिक सुझाव, मार्गदर्शन, परामर्श और नवाचार को प्रोत्साहित करेगी।
- परिषद Environment पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और प्राकृतिक सम्पदा के संवहनीय उपयोग के लिये किये जा रहे प्रयासों और विभिन्न विभागों द्वारा Environment पर्यावरण से संबंधित सतत विकास लक्ष्य के कार्यों की भी समीक्षा की जा रही हैा
- गठित परिषद के सदस्यों कौन कौन होगे
- Environment पर्यावरण विभाग के अंतर्गत गठित परिषद के सदस्यों में महानिदेशक Environment पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव वन, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, जल-संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, उच्च शिक्षा और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को शामिल किया गया है।
- इस समिति में साथ ही प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पंचायत और ग्रामीण विकास, योजना आर्थिक और सांख्यिकी, अध्यक्ष Madhya Pradesh मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सदस्य सचिव Madhya Pradesh मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड, राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी एवं वाइल्ड लाइफ बोर्ड श्री अभिलाष खाण्डेकर, अधिवक्ता केन्द्रीय सरकार Environment पर्यावरण मामले श्री ओमशंकर श्रीवास्तव, शिवगंगा अभियान झाबुआ के श्री महेश शर्मा, सेवानिवृत्त पीसीसीएफ श्री रमेश दवे, संचालक पीएआईआरवीआई श्री अजय झा, सेंटर फॉर रूरल डेव्हलपमेंट एण्ड टेक्नालॉजी आईआईटी दिल्ली के डॉ. विवेक कुमार और संचालक सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडी डॉ. जे.के. बजाज शामिल हैं। कार्यपालन संचालक Environment पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन परिषद के सदस्य सचिव होंगे। अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष का रहेगा।
3-अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन के लिए एम.ओ.यू. मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan की उपस्थिति में हुआ
- अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन के लिए एम.ओ.यू.मुख्य बिन्दु
- नगर निगम भोपाल और एनटीपीसी एवं भोपाल आरएनजी प्रायवेट लिमिटेड के मध्य हुआ
- करार 200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट एवं 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर
- सिटी बसों में होगा बायो सीएनजी का उपयोग
- बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना से प्रतिवर्ष 02 करोड़ 43 लाख 09 हजार रूपए की होगी बचत
- टॉरीफाईड चारकोल प्लांट की स्थापना से 04 करोड़ 86 लाख 18 हजार की बचत होगी
- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में निवास पर अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन किए जाने के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अंतर्गत 200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट एवं 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट की स्थापना के लिए नगर निगम भोपाल और एनटीपीसी तथा भोपाल आरएनजी प्रायवेट लिमिटेड के मध्य एम.ओ.यू. हुआ।
- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हस्ताक्षरित एम.ओ.यू. संबंधितों को आदान-प्रदान कर बधाई दी। एम.ओ.यू. के पूर्व स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित वीडियो फिल्म भी दिखाई गई।
4-अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन 200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना
- मुख्यमंत्री श्री चौहान की उपस्थिति में 200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना के लिए नगर निगम भोपाल एवं भोपाल आरएनजी प्रायवेट लिमिटेड के मध्य अनुबंध हुआ। वर्तमान में भोपाल शहर से लगभग 800 टन कचरा प्रतिदिन उत्पन्न होता है। जिसके निष्पादन के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा 333 रूपए प्रति मेट्रिक टन का व्यय किया जाता है।
- प्लांट लगने से भोपाल आरएनजी प्रायवेट लिमिटेड द्वारा भोपाल नगर निगम को 83 लाख प्रतिवर्ष रॉयल्टी के रूप में 20 वर्ष तक दी जाएगी एवं मार्केट रेट से 5 रूपए कम की दर पर बायो सीएनजी प्रदान की जाएगी। प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी का उपयोग सिटी बसों में किया जाएगा। प्लांट की स्थापना में 40 करोड़ का व्यय होना अनुमानित है, जो पूर्ण रूप से एजेंसी द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जाएगा।
- एजेंसी द्वारा नगर निगम भोपाल से कचरा निष्पादन के लिए कोई भी प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाएगी। इस अनुसार प्लांट की स्थापना के पश्चात नगर निगम भोपाल को ठोस अपशिष्ट निष्पादन पर प्रतिवर्ष व्यय होने वाली राशि 02 करोड़ 43 लाख 09 हजार रूपए की बचत होगी।
- चारकोल प्लांट 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड निर्मित करेगा
- मुख्यमंत्री श्री चौहान की उपस्थिति में नगर निगम भोपाल एवं एनटीपीसी के मध्य 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट की स्थापना के लिए अनुबंध पत्र आदान-प्रदान किया गया। प्लांट का निर्माण बिल्ट ऑन ऑपरेट मॉडल पर आधारित होगा। प्लांट की स्थापना एवं संचालन-संधारण कार्य एनटीपीसी द्वारा ही 25 वर्ष तक किया जाना है।
- प्लांट स्थापना पर 80 करोड़ रूपए व्यय होना अनुमानित है, जो कि पूर्ण रूप से एनटीपीसी द्वारा वहन किया जाएगा। प्लांट की स्थापना आदमपुर छावनी में 15 एकड़ भूमि के क्षेत्रफल में की जाएगी। प्लांट में उत्पादित टॉरीफाइड चारकोल का उपयोग एनटीपीसी के विद्युत संयंत्रों में किया जाएगा। प्लांट की स्थापना से नगर निगम भोपाल को ठोस अपशिष्ट निष्पादन पर प्रतिवर्ष व्यय होने वाली राशि 04 करोड़ 86 लाख 18 हजार रूपए की बचत होगी।
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