सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) दिनाक 10/09/2021 दिन Friday
1-खादी के वस्त्रों को डिजाइन करें और जीतें आकर्षक पुरस्कार
2-डिजाइन तैयार करते समय रंगों के संयोजन और सिलाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
3- प्रदेश हित में नीति को शीघ्र देंगे अंतिम रूप : मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan
4-15 सितम्बर से प्रारंभ होंगे प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय
5-दो दिन 90 विशेषज्ञ करेंगे रातापानी में तितलियों का सर्वेक्षण
6-प्रदेश के बासमती को जीआई टैग से लाखों किसानों को होगा लाभ : कृषि मंत्री श्री Kamal Patel
7-उर्दू साहित्यकारों को आर्थिक सहायता के लिए पाण्डुलिपियाँ आमंत्रित
8-खनन क्षेत्रों में परिवहन वाहनों से हो रही सड़कों की क्षति रोकने निकालेंगे उपाय वाहनों पर शुल्क लगाने पर विचार
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1-खादी के वस्त्रों को डिजाइन करें और जीतें आकर्षक पुरस्कार
मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड भोपाल द्वारा खादी वस्त्रों के प्रचार-प्रसार एवं युवा वर्ग को खादी के प्रति आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नवीन और खूबसूरत डिजाइन्स के खादी वस्त्रों को बाजार में लांच करने की योजना है। इसके लिए बोर्ड द्वारा mp.mygov.in पोर्टल पर खादी वस्त्रों की डिजाइनिंग के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रविष्टियाँ 3 अक्टूबर 2021 सायं 5 बजे तक प्राप्त की जाएंगी।
प्रतियोगिता का आयोजन महिलाओं और युवाओं के लिए भारतीय और पश्चिमी परिधानों की डिजाइनों का सम्मिश्रण करते हुए नवीन डिजाइन तैयार करने के लिए किया जा रहा है। इसके लिए दोनों संवंर्गो में दो-दो उत्कृष्ट डिजाइनों का चयन कर प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
पुरस्कार
1. प्रथम पुरस्कार - प्रमाण-पत्र एवं खादी सिल्क साड़ी/सिल्क कुर्ता
2. द्वितीय पुरस्कार - प्रमाण-पत्र एवं खादी कुर्ता-पायजामा सेट
3. तृतीय पुरस्कार - प्रमाण-पत्र एवं खादी कुर्ता जैकेट
प्रतियोगिता से संबंधित आवश्यक जानकारी
प्रविष्टि केवल jpg. Png. और pdf. फार्मेट में ही स्वीकार की जाएगी।
प्रतियोगिता में कोई भी नागरिक भाग ले सकता है।
2-डिजाइन तैयार करते समय रंगों के संयोजन और सिलाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
डिजाइन में जहाँ तक संभव हो खादी के कपड़े का ही प्रयोग किया जाए।
श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन
प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा श्रेष्ठ प्रविष्टि के लिये मापदण्ड निर्धारित किए गये हैं, जिनमें भारतीय तथा पश्चिमी परिधानों का सम्मिश्रण, सिलाई में सुविधाजनक, कपड़े का अनुकूलतम उपयोग, देश-प्रदेश की रंगाई, छपाई, संस्कृति को दर्शाने वाली डिजाइन का प्रयोग, विजेताओं द्वारा तैयार किए गए डिजाइन का स्केच तथा अन्य आवश्यक जानकारी शामिल है।
इथेनॉल पॉलिसी पर हुआ विचार मंथन
3- प्रदेश हित में नीति को शीघ्र देंगे अंतिम रूप : मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज प्रस्तावित इथेनॉल पॉलिसी पर विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह नीति अन्य राज्यों के तुलनात्मक अध्ययन के पश्चात निर्धारित की जाए। मध्यप्रदेश में मक्का, धान और गन्ना आदि से इथेनॉल निर्माण के लिए इकाइयों की स्थापना पर विचार किया जाएगा। इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को साकार करने के लिए प्रोत्साहनकारी प्रावधान भी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नीति के केंद्र में प्रदेश का हित होना चाहिए। सभी बिंदुओं पर आवश्यक विचार-विमर्श के पश्चात केंद्र सरकार से संपर्क कर आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और केंद्रीय मंत्रियों से भी चर्चा करेंगे।
बैठक में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा और मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।
4-15 सितम्बर से प्रारंभ होंगे प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय
स्टॉफ शत-प्रतिशत तथा विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति होगी
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टीकाकरण प्रमाण-पत्र जमा कराना होगा अनिवार्य
उच्च शिक्षा मंत्री Dr Mohan Yadav ने बताया कि प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियाँ 15 सितंबर 2021 से विद्यार्थियों की भौतिक रूप से उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगी। उन्होंने बताया कि सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक स्टॉफ की शत-प्रतिशत उपस्थिति होगी। विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाओं का संचालन होगा। डॉ. यादव ने बताया कि महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टॉफ तथा विद्यार्थियों को कोविड-19 प्रथम डोज टीकाकरण का प्रमाण-पत्र जमा कराना अनिवार्य होगा।
मंत्री श्री यादव ने विद्यार्थी संख्या अधिक होने की स्थिति में प्रत्येक स्तर पर कोविड-19 के सुरक्षा मानकों के आधार पर पृथक-पृथक समूह बनाकर प्रायोगिक एवं शैक्षणिक कार्यों को संपादित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधोसंरचना की उपलब्धता एवं स्थानीय परिस्थिति के परिपेक्ष्य में संबंधित संस्था प्रमुख निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन भी जारी रहेगा। डॉ. यादव ने शिक्षण संस्थाओं द्वारा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अलग-अलग समय-सारणी बनाये जाने के निर्देश दिए हैं।
ग्रंथालय भी होंगे प्रारंभ
उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थाओं में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए ग्रंथालय भी प्रारंभ होंगे। केवल पंजीकृत विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जायेगा। ग्रंथालय में प्रवेश के पूर्व कर्मचारियों/विद्यार्थियों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत शारीरिक तापमान, आवश्यक रूप से मास्क का इस्तेमाल, हाथों को सेनेटाइज़ करने तथा पुस्तकालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। पुस्तकालय अध्ययन कक्ष में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ उपस्थिति होगी।
छात्रावास और मैस भी होंगे शुरू
विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रावास और मैस भी प्रारंभ होंगे। छात्रावास चरणबद्ध रूप से प्रारंभ किये जायेंगे। प्रथम चरण में स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के लिये छात्रावास खोले जायेंगे। छात्रावास परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन एवं सभी विद्यार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जायेगी। डायनिंग हॉल, रसोई, स्नानागार और शौचालय की स्वच्छता की सतत निगरानी होगी। छात्रावास में विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के स्टॉफ के अतिरिक्त अनावश्यक लोगों का प्रवेश वर्जित होगा। किसी भी विद्यार्थी अथवा स्टॉफ में कोविड-19 के लक्षण प्रकट होने पर उसे तुरन्त आइसोलेशन के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो यह सुनिश्चित होगा।
छात्रावासों में राज्य हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय अस्पताल आदि के नंबर सूचना पटल पर प्रदर्शित किए जायेंगे। विद्यार्थियों के घोषणा-पत्र एवं माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के आधार पर ही विद्यार्थी को छात्रावास की सुविधा उपलब्ध होगी।
छात्रावास के भोजन कक्ष में विद्यार्थियों को छोटे-छोटे बैच मे भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। मैस की समय-सारणी बनाकर समयावधि भी बढ़ाई जाने के निर्देश दिए गए है। भोजन बनाने एवं खाना परोसने वाले स्टॉफ द्वारा फेस कवर, मास्क का उपयोग एवं हाथों को सेनेटाइज़ करना अनिवार्य होगा।
सुरक्षा संबंधी जागरूकता
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा अपने स्टॉफ एवं विद्यार्थियों को स्वास्थ्य एवं कोविड-19 संबंधी समस्याओं के विषय में जागरूक किया जाना चाहिए। कोविड-19 के संक्रमण के बचाव के लिए उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं लक्षण पाए जाने पर चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के लिए आइसोलेशन एवं क्वारंटीन सुविधा की व्यवस्था छात्रावास में पृथक रूप से किया जाए अथवा शासकीय अस्पताल में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
डॉ. यादव ने कहा कि किसी भी स्थिति में कटेन्मेंट जो़न से संबंधित विद्यार्थी और स्टॉफ का संस्था में प्रवेश वर्जित रहेगा। विद्यार्थी एवं स्टॉफ आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों एवं समस्त स्टॉफ के लिए वैक्सीनेशन करवाना अनिवार्य होगा। संस्था प्रमुख द्वारा वैक्सीनेशन के संबंध में शैक्षणिक, अशैक्षणिक स्टॉफ एवं विद्यार्थियों की कक्षावार जानकारी संग्रहीत कर अग्रणी महाविद्यालय को उपलब्ध कराई जायेगी। विश्वविद्यालय स्तर पर कुल सचिव तथा महाविद्यालय स्तर पर संबंधित क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक द्वारा निरंतर मॉनीटरिंग की जायेगी और इसका प्रतिवेदन प्रत्येक सोमवार प्रेषित किया जायेगा।
5-दो दिन 90 विशेषज्ञ करेंगे रातापानी में तितलियों का सर्वेक्षण
रातापानी वन्यप्राणी अभयारण्य में 10 सितम्बर से 12 सितम्बर दो दिन तक तितली सर्वेक्षण का कार्यक्रम पहली बार वनमंडल औबेदुल्लागंज द्वारा NGO चाईल्ड वॉरियर्स, इंदौर तथा तिन्शा फाउन्डेशन के सहयोग से आयोजित होगा। सर्वेक्षण कार्य में 13 राज्यों से लगभग 90 तितली विशेषज्ञ भाग लेंगे।
तितली सर्वेक्षण का यह है मकसद
रातापानी अभयारण्य में मौजूद विभिन्न प्रजाति की तितलियों की सूची तैयार की जाएगी, जिससे उनके संरक्षण का कार्य प्रभावी ढंग से होगा। आम जनता तितलियों के प्रति जागरूकता पैदा करने तितलियों का पारिस्थितिकीय के तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। विभिन्न पादप प्रजातियों एवं फसलों के परागण कार्य करने के साथ ही तितली की कुछ प्रजातियाँ कीट नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और स्वस्थ पर्यावरण का प्रतीक भी हैं। इनका संरक्षण केवल वन संवर्धन ही नहीं बल्कि कृषि संवर्धन एवं खाद्य सुरक्षा के लिये भी बहुत उपयोगी साबित होती है।
सर्वे में प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल उत्तराखण्ड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश राज्य के विशेषज्ञ आएंगे।
6-प्रदेश के बासमती को जीआई टैग से लाखों किसानों को होगा लाभ : कृषि मंत्री श्री Kamal Patel
प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi का सपना होगा साकार
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि बासमती धान के जीआई टैग के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से प्रदेश के लाखों किसानों को राहत मिली है। इससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की किसानों की आय बढ़ाने का सपना भी पूरा होगा। श्री पटेल ने इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में प्रदेश के मुखिया श्री Shivraj Singh Chouhan द्वारा किये गये प्रयासों के लिये प्रदेश के किसानों की ओर से धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है।
मंत्री श्री पटेल ने कहा है कि मध्यप्रदेश के 13 जिले मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया शिवपुरी, गुना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, जबलपुर और नरसिंहपुर में लगभग 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में एक लाख किसानों द्वारा बासमती धान उगाई जा रही है। प्रदेश का बासमती विशेष किस्म का होने के साथ ही खूशबूदार भी है। प्रदेश के किसानों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मद्रास हाईकोर्ट को नये सिरे से विचार करने के निर्देश देने के फैसले से राहत मिली है। इससे प्रदेश के धान उत्पादक किसान उत्साहित है।
मंत्री श्री पटेल ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 5 अक्टूबर, 2020 को दी गई मध्यप्रदेश के किसानों के हित में अंतरिम राहत की अवधि को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि इस राहत से प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। इससे किसानों की आय तीन गुनी बढ़ जायेगी।
7-उर्दू साहित्यकारों को आर्थिक सहायता के लिए पाण्डुलिपियाँ आमंत्रित
मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी संस्कृत परिषद ने वर्ष 2021-22 में उर्दू साहित्यकारों और शायरों को उर्दू पाण्डुलिपियों के प्रकाशन के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए पाण्डुलिपियाँ आमंत्रित की हैं। निदेशक डॉ नुसरत मेहदी ने बताया कि उर्दू साहित्यकार अपनी पाण्डुलिपि 11 अक्टूबर 2021 तक उर्दू अकादमी के मुल्ला रमूजी संस्कृति भवन में जमा कर सकते हैं। पांडुलिपियों के साथ मध्यप्रदेश का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है।
जिन साहित्यकारों और शायरों की पुस्तकें अकादमी द्वारा प्रकाशित या आर्थिक सहायता दिए हुए 10 वर्ष नहीं हुए हैं उनकी पाण्डुलिपियों पर विचार नहीं किया जायेगा। पुस्तक प्रकाशन की आर्थिक सहायता देने के लिए बनाई गई कमेटी का निर्णय अंतिम माना जायेगा।
डॉ मेहदी ने बताया कि अकादमी द्वारा वर्ष 2021-22 में उर्दू के साहित्यकारों और शायरों की उर्दू में प्रकाशित पुस्तकें खरीदी जाना है। इच्छुक साहित्यकार और शायर वर्ष 2020-21 में स्वयं की प्रकाशित पुस्तक की एक प्रति 11 अक्टूबर 2021 तक अकादमी के कार्यालय में जमा करा सकते हैं। जमा की गयी पुस्तक का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही पुस्तक वापस की जायेगी।
8-खनन क्षेत्रों में परिवहन वाहनों से हो रही सड़कों की क्षति रोकने निकालेंगे उपाय
वाहनों पर शुल्क लगाने पर विचार
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में खनन के वाहनों से सड़कों को होने वाली क्षति पर शुल्क लगाने संबंधी व्यवस्था विकसित होना चाहिए। इस संबंध में विचार-विमर्श के पश्चात आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। रेत, गिट्टी और पत्थर आदि के परिवहन वाहनों से ग्रामवासियों की आवाजाही आसान बनाने के लिए तैयार की गई सड़कें कुछ क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इस संबंध में विचार-विमर्श कर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रस्तावित व्यवस्था से अवैध खनन पर प्रभावी प्रतिबंध, सड़कों के उपयोग के लिए शुल्क प्राप्त करने और इन मार्गों के अलावा परिवर्तित मार्गों से वाहन ले जाने की प्रवृत्ति पर अंकुश भी लग सकेगा।
बैठक में फिजिकल बैरियर, टोल और ई-टोल व्यवस्था के संबंध में भी विचार किया गया। खनिज साधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल और लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ उपस्थित थे।
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