राज्य शासन ने "लक्ष्य"
योजना अंतर्गत कक्षा 12वीं में अध्ययनरत् बालिकाओं के प्रशिक्षण के लिए कार्यक्रम तैयार किया
है कार्यक्रम का उदेश्य पैरामिलिट्री फोर्स में महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है बालिका के उज्वल भविष्य के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स इत्यादि में सिपाही के पद पर सीधे भर्ती का मौका मिलता है .
राज्य शासन ने लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश, गौतम नगर भोपाल दूरभाष- 91-0755-2581064, फेक्स-01-07552583661,Email:nvegfmp@gmail.com क./स.शि.अ.(सेके.एजु.)/व्या.शि./202122/2215 भोपाल, दिनांकः०२/08/2021 आदेश जारी किया
है.
अधिक जानकारी के लिए पूरा विस्तार से पढ़े -
"लक्ष्य" योजना अंतर्गत कक्षा 12वीं में अध्ययनरत् बालिकाओं के प्रशिक्षण "
--00भारत शासन द्वारा पैरामिलिट्री फोर्स में महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। पैरा मिलिट्री फोर्स इत्यादि में सिपाही के पद पर सीधे भर्ती की जाती है जिसके लिये न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास एवं न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना आवश्यक है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वार शालाओं में बालिकाओं के लिये पठन-पाठन एवं खेलकूद की गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। पूर्व में यह निर्णय लिया गया था कि बालिकाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से ऐसी बालिकाएं जो पैरामिलिट्री फोर्स एवं पुलिस में भर्ती होना चाहती हैं के लिये प्रत्येक जिले में forty से 50 बालिकाओं के लिये निःशुल्क गैर आवासीय कोचिंग की व्यवस्था की जाए, जिसमें जिला मुख्यालय स्तर की बालिकाएं 12वीं की पढ़ाई के साथ विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। तदनुरूप बालिकाओं की कोचिंग की व्यवस्था की गई थी।
नवीन शैक्षणिक सत्र 2021-22 में भी पूर्व वर्ष की भांति ही बालिकाओं के लिए यह प्रशिक्षण आयोजित किया जाना है। इस हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें -
1. परीक्षा का स्वरुप : - इस परीक्षा में लिखित एवं शारीरिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है। टॉपिकवार निम्नानुसार प्रश्न पूछे जाते हैं
3. विषय –Reasoning-40, Gk-30,standard appreciation Mathemetics-20 Science-10
2. निःशुल्क कोचिंग हेतु बालिकाओं के चयन की प्रकिया
(अ) प्रत्येक विकासखंड मुख्यालय पर स्थित शालाओं में निम्नानुसार योग्यताधारी बालिका शाला के प्राचार्य के माध्यम से विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को 16 अगस्त 2021 तक आवेदन प्रेषित करेंगे।
1. बालिका की आयु 17 वर्ष से अधिक होनी चाहिये।
2. बालिका किसी शासकीय स्कूल में कक्षा 12वीं अध्ययनरत हो।
3 कक्षा 10 वीं परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक हों।
4- बालिका की ऊँचाई 153 सेमी या उससे अधिक हो वजन ऊँचाई के अनुपात में हो।
5- बालिका की दूर दृष्टि 6/6 : 6/nine होनी चाहिये। Knock Knee एवं Flat Foot नहीं होना चाहिये।
(ब) शालाओं के प्राचार्य का दायित्व –
1. निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति करने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहित करना।
2. आवेदन के प्रारूप की प्रति बालिकाओं को उपलब्ध कराना।
3 इच्छुक बालिकाओं से आवेदन भरवाना।
4 बालिकाओं से प्राप्त आवेदनों को परीक्षण उपरोक्त आधार पर कर अर्हताधारी बालिकाओं का आवेदन पत्रमय सूची के जिला शिक्षा अधिकारी को दिनांक 17.08.2021 तक प्रेषित करना।
5. परीक्षा का स्थान तय होने की सूचना प्राप्त होने पर स्कूल की शिक्षिका के साथ बालिकाओं को परीक्षा हेतु भेजना।
(स) परीक्षा का आयोजन -
जिला स्तर पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर बालिकाओं को परीक्षा हेतु आमंत्रित किया जाएगा। परीक्षा का आयोजन अगस्त माह में किया जाएगा।
. फिजिकल परीक्षा:-पुलिस विभाग, खेलकूद विभाग, Ncc के सहयोग से परीक्षा आयोजित की जाएगी।
1. कम से कम eight:40 मिनिट में 01 मील की दौड़ पूरी करना होगी।(50 अंक)
2. कम से कम 02 फिट 09 इंच की ऊँची कूद(excessive bounce)पास करना होगा जिसके लिये 03 अवसर दिए जाएंगे।(30 अंक)
3 कम से कम 8 फिट की लम्बी कूद (lengthy leap) पास करना होगी जिसके लिये three अवसर दिए जाएंगे।(20 अंक)
• लिखित परीक्षा (पूर्णाक a hundred):-फिजिकल परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं की लिखित परीक्षा ली जाएगी। फिजिकल परीक्षा में चयनित बालिकाओं की सामान्य ज्ञान, गणित, हिन्दी एवं अंग्रेजी विषय के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रुप में ली जाएगी। इसका प्रश्न पत्र विमर्श पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी का दायित्व -
• जिला स्तर पर खेल प्रभारी (जिला खेल अधिकारी) को नोडल अधिकारी बनाना।
• प्रचार-प्रसार करना। समस्त विद्यालयों में एन.सी.सी. शिक्षक/फिजिकल एजुकेशन/व्यावसायिक व्याख्याता को निर्देशित करे कि उपरोक्त के संबंध में समस्त उच्च्तर माध्यमिक विद्यालयों में जहाँ बालक अध्ययनरत हैं, उन विद्यालयों में प्रचार-प्रसार करें।
• जिला स्तर पर महिला नोडल अधिकारी द्वारा बालिकाओं का प्रथम चरण का फिजिकल टेस्ट एवं परीक्षण करवाना।
• मापदंड पूर्ण करने वाली बालिकाओं की सूची तैयार करवाना।
• प्रशिक्षण हेतु एक शाला का चिन्हांकन करना। इसी शाला में सभी चयनित बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जावेगा। प्रशिक्षण स्थल का चयन इस तरह करें कि शाला के निकट स्टेडियम/खेल मैदान उपलब्ध होंताकि फिजिकल ट्रेनिंग भी हो सके।
• जिला शिक्षा अधिकारी नियमित रूप से मॉनिटरिंग करेंगे तथा प्रगति की समीक्षा करेंगे तथा समय-समय पर निकलने वाले विज्ञापन में बालिकाओं से आवेदन करवाकर परीक्षा में सम्मिलित कराएगे। 4 प्रशिक्षण -
• प्रशिक्षण लिखित परीक्षा एवं फिजिकल ट्रेनिंग दोनों के लिए होगा।
• यह निःशुल्क कोचिंग 01 सितंबर 2021 से आरंभ होकर संचालित होगी।
• चयनित शाला में लिखित परीक्षा की तैयारी हेतु कोचिंग सामान्यतः प्रतिदिन प्रातः 8:00 बजे से 10:00 बजे तक होगी। बालिकाओं की सहमति के आधार पर शाम का समय भी रखा जा सकता है। प्रतिदिन 2 घंटे की कक्षा संचालित की जाएगी । इस हेतु 02 शिक्षकों को (लिखित परीक्षा की कोचिंग हेतु) जो इस प्रशिक्षण को देने में रूचि रखतें हों उनका चयन जिला स्तर पर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एक फिजिकल ट्रेनर भी रखा जाएगा। जो सप्ताह में four दिन में ninety मिनट प्रतिदिन तथा रविवार को 2 घंटे प्रशिक्षित करेगा।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक अपने स्तर से इस संपूर्ण प्रकिया की समीक्षा करेंगे
• बालिकाओं के चयन के समय अपने स्तर से पर्यवेक्षक नियुक्त करेंगें।
• फिजिकल परीक्षण के पूर्व बालिकाओं का मेडिकल टेस्ट करवा लिया जाए उपयुक्त होने पर ही सम्मिलित
करवाया जाये।
• बालिकाओं को कोई बीमारी नहीं होनी चाहिये माता पिता की सहमति के बाद ही परीक्षा में सम्मिलित किया जाएगा। फिजिकल परीक्षण के समय डॉक्टर की व्यवस्था स्थल पर होनी चाहिए। एंबलेंसर स्थल पर होनी चाहिए।
. फिजिकल परीक्षण हेतु गठित टीम में शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, Ncc के अधिकारी हो।
• फिजिकल परीक्षण के उपरांत बालिकाओं को जूस, ग्लूकोज, नाश्ते की व्यवस व्यावसायिक शिक्षा की कंटेजेंसी की मदद से किया जाएगा।
• ट्रेनिंग हेतु पुलिस/स्टेडियम उपलब्ध कराया जाये जहाँ नियमित रूप से बालिकाओं को फिजिकल पाया दिया जाए।
• चयनित शिक्षक जो प्रतिदिन अध्यापन करायेंगे उनके साथ नियमित समीक्षा की जायेगी बालिकाओं की प्रगति का फीडबेक लिया जाएगा। नियमित टेस्टिंग की भी व्यवस्था होगी।
• टॉपिकवार शिक्षकों का चयन भी किया जा सकता है शिक्षक को पठन-पाठन के लिए रू.200 प्रति दिवस देय होगा अधिकतम रु.5000/- प्रतिमाह होगा। पाठ्यक्रम के टॉपिक 3 माह में पूर्ण कराये जाने हैं अतःसप्ताहवार टॉपिक तय किये जा सकते हैं।
• शाला स्तर पर बालिकाओं का नियमित टेस्ट लिया जाएगा। उनसे अभ्यास करवाया जायेगा।
• प्रशिक्षकों को प्रतिमाह अधिकतम रु.5000/- (रु. 2 hundred/- प्रतिदिवस) के मान से मानदेय दिया जाएगा। बालिकाओं को पठन-पाठन सामग्री तथा प्रशिक्षकों के मानदेय इत्यादि हेतु प्रति विकासखंड रु. 50000/ की राशि शाला को प्रदान की जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए निचे दी गई पीडीऍफ़ को विस्तार से पढिये या तो आप डाउनलोड भी कर सकते है
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• राशि का व्यय व्यावसायिक शिक्षा की कंटेजेंसी मद से किया जाएगा।
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