src='https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-892JG4KGS4'/> सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News)

सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News)


सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) 


सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News)


1-राजस्व मंत्री श्री Govind Singh Rajput ने की केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री Narendra Singh Tomar से मुलाकात


15 अगस्त के बाद प्रदेश के दौरे पर आएगा केन्द्रीय अध्ययन दल

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने गुरूवार को दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में बाढ़ से हुई क्षति का आँकलन करने के लिए केन्द्रीय अध्ययन दल को शीघ्र भिजवाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा आश्वस्त किया गया कि 15 अगस्त के बाद दल प्रदेश के दौरे पर भेजा जाएगा।



राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण नदियों एवं बाँधों के जल स्तर में अचानक वृद्धि होने से ग्वालियर एवं चंबल संभाग के गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुर, भिण्ड, मुरैना एवं अशोकनगर में आई बाढ़ के कारण जहाँ आम जनता का बहुत अधिक नुकसान हुआ वहीं शासकीय संपत्ति भी बड़े स्तर पर क्षतिग्रस्त हुई है।



मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं सेना के जवानों के सहयोग से बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया। बड़ी संख्या में बाढ़ में फँसे लोगों को हेलीकाप्टर की मदद से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। बाढ़ में फसल, मकान, दुकान, लोगों के धंधे चौपट हो गए। भारी बारिश के कारण जहाँ सड़कें उखड़ गई वहीं दूसरी ओर नदी और नाले पर बने कई पुल भी बह गए। रेल लाइन पर पानी आ जाने के कारण आवागमन भी प्रभावित हुआ था।



प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविर में सुरक्षित पहुँचाकर वहाँ उनके लिए भोजन, चिकित्सा, कपड़े आदि मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई। मकान, धन सम्पदा के साथ लोगों को पशुधन का काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा जहाँ तक हो सका सारी व्यवस्थाएँ की गई, लेकिन नुकसान की अधिकता को देखते हुए केन्द्र शासन से मदद का आग्रह किया गया है।




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2-आजादी का अमृत महोत्सव के तहत संवाद एवं परिचर्चा सम्पन्न


मध्यप्रदेश की नई जरूरतों और पर्यटन की संभावनाओं को केन्द्र में रखकर संसाधन एटलस बनायें : डॉ बजाज


मध्यप्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन के विस्तार की बहुत संभावनाएँ हैं। नई आवश्यकत्ताओं, तकनीकी विकास और भावी संभावनाओं को केंद्र में रखकर संसाधन एटलस को जनोपयोगी बनाने की जरूरत है। ये विचार डॉ. जे.के बजाज, डायरेक्टर सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज, नई दिल्ली एवं सदस्य पिछड़ा वर्ग आयोग, भारत सरकार ने गुरुवार को मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत संवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।



व्याख्यान का विषय 'ओवरव्यू एंड न्यू एप्रोच फॉर रिसोर्स एटलस प्रोग्राम ऑफ मध्यप्रदेश था। श्री बजाज ने कहा कि परिषद् द्वारा एमपीआरए प्रोग्राम के अंतर्गत विभिन्न जिलों के बनाये गये एटलस प्रामाणिक और वैज्ञानिक अध्ययनों से प्राप्त डाटा पर आधारित हैं। लेकिन अब इनके अद्यतन की आवश्यकता है। महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि हम परिषद के इस प्रोग्राम को पुनः परिभाषित कर समाज और सरकार की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में आगे कदम बढ़ाएंगे।



उल्लेखनीय है कि मेपकास्ट द्वारा 2007 में मध्यप्रदेश के संसाधनों पर केंद्रित प्रथम रिसोर्स एटलस प्रकाशित किया गया था। इसके बाद जिलेवार एटलस प्रकाशित किये गये।



इस अवसर पर परिषद के वैज्ञानिकों ने विभिन्न योजनाओं और प्रोजेक्ट के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।





3-प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने चंपा से कहा ऑनलाइन बेचो जैविक उत्‍पाद


अनूपपुर की मास्‍टर कृषि सखी चंपा के अनुभव सुने पीएम ने

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्‍व-सहायता समूह से जुड़ी अनूपपुर जिले की मास्‍टर सामुदायिक स्‍त्रोत व्‍यक्ति (सीआरपी) कृषि, सुश्री चंपा सिंह से सीधा संवाद किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चंपा के अनुभव सुनने के बाद सुझाव दिया कि वह जैविक खाद, कीटनाशक एवं अन्य उत्पाद ऑनलाइन बेवसाइट के माध्यम से बेचें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सकें। इससे मुनाफा तो होगा ही साथ में लोगों को कम लागत एवं उन्नत जैविक कृषि के लिये उनके अनुभवों का लाभ भी आसानी से मिल सकेगा।



सुश्री चंपा सिंह ने बताया कि बचपन में पिता का देहांत होने के बाद बड़ी मुश्किलों से उनकी माँ ने पालन-पोषण कर विवाह किया। दुर्भाग्यवश विवाह के दो माह बाद ही पति का देहांत हो गया। इस विकट परिस्थिति से जूझने में सबसे बड़ा सहारा आजीविका मिशन के समूह से मिला। समूह से जुड़ने के बाद 100 से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त किये, जो अलग-अलग विषयों पर आधारित थे। इनमें से एक कृषि सखी प्रशिक्षण भी था। कृषि सखी का प्रशिक्षण लेकर अपने क्षेत्र के साथ अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश सहित साढ़े पाँच हजार महिला किसानों को प्रशिक्षण दिया।



सुश्री चंपा सिंह ने बताया कि प्रारंभ में 75 हजार रूपये का ऋण स्व-सहायता समूह से तथा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से 1 लाख रूपये का ऋण लिया था। इस राशि से कृषि किसान सेवा केन्द्र खोला। केन्द्र पर जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, नीमास्त्र, बृह्मास्त्र, आग्नि आस्त्र बेचना शुरू किया। ये सब जैविक हैं जो घर में बनाये जाते हैं। पहले माँ-बेटी मिलकर साल में 50 हजार भी नहीं कमा पाती थीं और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था। अब साल में लगभग ढाई से तीन लाख रूपये की आय हो जाती है। चर्चा के दौरान चंपा का आत्म-विश्वास एवं बेवाकी से उत्तर देने का लहजा देखकर प्रधानमंत्री ने बार-बार प्रशंसा की।



प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज देश के पाँच राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, तमिलनाडु और मणिपुर की समूहों से जुड़ी आत्म-निर्भर महिलाओं से संवाद किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया, साथ ही जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत मुख्यालयों में कार्यक्रम का प्रसारण देखने के लिये भी प्रबंध किये गये थे। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में समूह सदस्यों ने टीव्ही और मोबाइल पर लाइव कार्यक्रम देखा।



पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों का गठन कर ग्रामीण निर्धन परिवारों को संगठित करते हुए उनके आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण के लिये काम किया जा रहा है। समूह सदस्‍यों को समूहों, ग्राम संगठनों, संकुल स्‍तरीय संघों के माध्‍यम से तथा बैंक ऋण के रूप में सस्‍ती ब्याज दरों पर आसान प्रक्रिया से वित्‍तीय सहायता की जाती है। इससे उन्‍हें बिना कठिनाई के आजीविका गतिविधियाँ शुरू और सुदृढ़ करने का अवसर मिलता है।





4-मध्यप्रदेश के दो युवा नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित




केन्द्रीय युवा एवं खेल मंत्री श्री Anurag Thakur ने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय युवा पुरस्कार कार्यक्रम में रायसेन के शुभम चौहान और जबलपुर के हिमांशु कुमार गुप्ता को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया। केन्द्रीय युवा और खेल राज्य मंत्री सुश्री ऊषा शर्मा और संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थानीय संयोजक सुश्री डायरड्रे ब्वायड मौजूद थी। पुरस्कार में एक पदक, प्रमाण-पत्र और एक लाख रुपये की नकद राशि दी गयी। राष्ट्रीय युवा पुरस्कार वर्ष 2017-18 के लिए कुल 14 पुरस्कार और वर्ष 2018-19 के लिए 8 पुरस्कार दिये गये।



जबलपुर के श्री हिमांशु कुमार गुप्ता



जबलपुर के श्री हिमांशु कुमार गुप्ता को वर्ष 2017-18 के लिए समुदाय के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री गुप्ता ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी परियोजनाओं, दृष्टिबाधित लोगों के लिए पुस्तकों की वाइस रिकार्डिंग और इनसेक्ट प्रोसेसिंग के माध्यम से फूलों की रिसाइकिलिंग पर काम करने में उल्लेखनीय कार्य किया है। श्री गुप्ता को न्यू इंडिया कॉन्क्लेव में ग्राम मित्र सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।



रायसेन के श्री शुभम चौहान



रायसेन के श्री शुभम चौहान को वर्ष 2018-19 के लिए समुदाय के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। श्री चौहान ने स्वच्छता अभियान, मतदान जागरूकता कार्यक्रम, पौधारोपण अभियान, रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम, ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना, युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण आदि आयोजनों में नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया।



इन पुरस्कारों का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करना और समुदायों के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है।



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5-13 अगस्त 2021 शुक्रवार की शाम 6:00 बजे आयोजित होने जा रहा है #MPQuiz...




-आइए जानें ''ओलंपिक्स'', विषय से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य...



-10 सवाल 10 जवाब से

-यहां जानें क्या हैं इसके नियम व शर्तें, जुड़िए हमारे साथ





6-ओलंपिक हॉकी खिलाड़ी Vivek Sagar Prasad एक करोड़ की सम्मान निधि के साथ डीएसपी का पद




राज्य सरकार विवेक सागर के परिवार को देगी पक्का मकान: मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan



इंटरनेशनल यूथ-डे पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया खेल प्रतिभाओं का सम्मान



मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार ओलंपिक हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर के परिवार को पक्का मकान दिलवाएगी। श्री विवेक सागर का परिवार जिस नगर या ग्राम में मकान चाहेगा, वहीं उपलब्ध करवाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विवेक सागर को एक करोड़ रूपये की सम्मान निधि का चेक प्रदान करते हुए मध्यप्रदेश शासन में डी.एस.पी. (उप पुलिस अधीक्षक) का पद देने की भी घोषणा की।







7-स्वतंत्रता आंदोलन 1857-1947 अभिलेख प्रदर्शनी 13 अगस्त से




8 दिवसीय प्रदर्शनी राज्य संग्रहालय में



संचालनालय पुरातात्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा भोपाल की श्यामला हिल्स स्थित राज्य संग्रहालय में 13 से 20 अगस्त 2021 तक 'स्वतंत्रता आंदोलन 1857-1947' पर दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी। प्रमुख सचिव संस्कृति, पर्यटन एवं जनसम्पर्क श्री शिवशेखर शुक्ला 13 अगस्त को दोपहर 12 बजे प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे।



प्रदर्शनी में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन, असहयोग आंदोलन (1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) से संबंधित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अभिलेख और छायाचित्र प्रदर्शित किये जायेंगे। आम जनता के लिये यह प्रदर्शनी 13 से 20 अगस्त तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेगी। प्रदर्शनी में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।







8-मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया नसरुल्लागंज में नई स्वास्थ्य सुविधाओं का ई-लोकार्पण




मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि नसरुल्लागंज के सीहोर जिले के 50 बिस्तर क्षमता के अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश के छोटे नगरों और कस्बों में बड़े नगरों की तरह आवश्यक सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।



मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नसरुल्लागंज सिविल अस्पताल में 1 करोड़ 40 लाख की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट और 80 लाख की लागत से बनाई गई पेथॉलॉजी का ई-लोकार्पण कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर सिविल अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू और मेटरनिटी विंग के लिए भूमि-पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 2 करोड़ 20 लाख और भूमि-पूजन के कार्यों की लागत 12.13 करोड़ रूपये है। इस तरह कुल 14.33 करोड़ के कार्यों की सौगात नसरुल्लागंज वासियों को प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और सांसद श्री रमाकांत भार्गव भी वर्चुअली सम्मलित हुए।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रथम सुख निरोगी काया ही होता है। प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास होना चाहिए कि वह अस्वस्थ न हो। यदि अस्वस्थ हो भी जाए तो समय पर उपचार की सुविधा मिल जाना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए भरसक प्रयास किए। जहाँ उपचार की व्यवस्था अपर्याप्त थी, वहाँ अस्थायी अस्पताल भी प्रारंभ किए गए। रोगियों को इलाज सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गईं। नसरुल्लागंज में 300 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन संयंत्र की व्यवस्था हो जाने से स्थानीय रोगियों को होशंगाबाद और भोपाल जाने की विवश्ता से मुक्ति मिलेगी। छोटी-मोटी जाँचों के लिए भी बाहर जाना होता था। अब लेब शुरु हो जाने से यह कार्य भी नसरुल्लागंज में हो सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल अस्पताल में विकसित सुविधाओं का लाभ आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी प्राप्त होगा। प्रसव सुविधा के साथ ही ऑपरेशन की स्थिति में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता भी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि बुधनी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की स्थिति में आ गया है। ऐसा ही कार्य नसरुल्लागंज में होना चाहिए। कोरोना की नई लहर की आशंका को समाप्त करने में इससे सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आमजन से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया।



स्वास्थ्य मंत्री Dr Prabhuram Choudhary ने कहा कि मध्यप्रदेश का कोरोना कंट्रोल मॉडल पूरे देश में प्रशंसित हुआ है। दूसरी लहर के समय मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देश के अन्य हिस्सों से लिक्विड ऑक्सीजन बुलवाकर नेतृत्व क्षमता प्रमाणित की। आज मध्यप्रदेश 2020 के प्रारंभ में शून्य प्लांट की स्थिति से 179 ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति में आ गया है। विभिन्न मदों से व्यवस्था कर संयंत्रों को प्रारंभ करने का अभियान चल रहा है। विदिशा–रायसेन संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर नसरुल्लागंज में श्री गुरुप्रसाद शर्मा सहित अनेक जन-प्रतिनिधि और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मो. सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ई-लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित थे।







9-राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला म.प्र. पहला राज्य : उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव




प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में उल्लेखनीय वृद्धि, इस वर्ष उठाए जाएंगे कई कदम



उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी। अभी स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष के लिये नीति के प्रावधानों को लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर विभाग द्वारा बनाई टास्क फोर्स ने अन्य राज्यों की उच्च शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कार्य योजना बनाई।



डॉ. यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा को अधिक जॉब ओरिएंटेड बनाने के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। इस वर्ष महाविद्यालयों में 177 डिप्लोमा एवं 282 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। 79 विषयों के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम तैयार किये गए हैं, जिसमें विद्यार्थियों को वैकल्पिक विषय चुनने का अवसर दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप एक साल में सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा एवं तीन साल में डिग्री सहित 'मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट सिस्टम और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) भी लागू किया जा रहा है। इस वर्ष आधार पाठयक्रम में योग एवं ध्यान के पाठ्यक्रम भी जोड़े गए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव पत्रकारों से आज प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात एवं विभागीय गतिविधियों के संबंध में संवाद कर रहे थे।



जीईआर में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि



मध्यप्रदेश में पिछले 5 वर्षों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में जीईआर में साढ़े चार प्रतिशत से अधिक वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। वर्ष 2015-16 में जीईआर 19.6 था, जो 2019-20 में 24.2 पर पहुँच गया है। वर्ष 2019-20 में 5.36 लाख विद्यार्थियों ने स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोतर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लिया था। इसके बाद पिछले वर्ष 20-21 में 5.64 लाख विद्यार्थियों ने इन कक्षाओं में प्रवेश लिया। इस वर्ष उम्मीद है कि यह रिकॉर्ड भी नया बनेगा।



डॉ. यादव ने कहा कि म.प्र. अभी भी राष्ट्रीय औसत जीईआर (27.1) से थोड़ा पीछे है. लेकिन इस वर्ष आशा है कि हम इस अंतर को समाप्त करने में सफल होंगे। उच्च शिक्षा में आगामी सत्र से जीईआर बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष 2020-21 में 12वीं कक्षा में म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मंडल, ओपन बोर्ड और सीबीएसई से लगभग प्रदेश में 8.23 लाख विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इस संख्या को दृष्टिगत रखते हुए विभाग ने निजी और शासकीय महाविद्यालयों की सीटों में 25 प्रतिशत वृद्धि की है।



राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्ष 2035 तक देश में जीईआर 50 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। मध्यप्रदेश में इस लक्ष्य को पाने के लिए कार्य प्रारंभ किया गया है।



दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा



ऐसे युवक-युवती जो नियमित विद्यार्थी के रूप में पढ़ने में सक्षम नहीं हैं या कामकाज में व्यस्त हैं उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान कराने की दृष्टि से 134 शासकीय महाविद्यालयों में म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय के स्टडी सेंटर खोले गए हैं और 84 नए सेंटर प्रस्तावित हैं। निजी महाविद्यालयों में भी स्टडी सेंटर खोले जाने के लिए प्रस्ताव विचाराधीन है। भोज मुक्त विश्वविद्यालय को अन्य विश्वविद्यालय के साथ जोड़ कर दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में कुलपतिगणों से भी चर्चा की जाएगी।



स्थानीय स्तर पर विशेष प्रयास



प्रवेश की संख्या बढ़ाने को लेकर जिलों में स्थानीय स्तर पर विशेष प्रयास किए जा रहे है। शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य जीईआर टारगेट लेकर प्रवेश की संख्या बढ़ाने पर कार्य करेंगे। बड़े महाविद्यालयों को संकाय के हिसाब से शिफ्ट में लगाने और स्थानीय स्तर पर एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में पढ़ाने के लिए प्राध्यापकों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विशेष रूचि लेकर कार्य करने वाले प्राध्यापकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों में से 73 प्रतिशत विद्यार्थी शासकीय महाविद्यालय में प्रवेश लेते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए शासकीय महाविद्यालयों में भी सीटों की वृद्धि की जा रही है।



सभी शासकीय एवं निजी महाविद्यालय कम से कम 1 गाँव गोद लेंगे। इस तरह प्रदेश में लगभग 1500 गाँव गोद लिए जाएंगे, जिनमें उच्च शिक्षा से बंचित कोई युवा न हो इसके लिए सर्वे कराएंगे।



निजी महाविद्यालयों को प्रोत्साहन



उच्च शिक्षा में निजी भागीदारी को बढ़ाने के लिए निजी महाविद्यालय खोलने संबंधी नियमों को सरल बनाया जा रहा है। नए कॉलेज खोलने की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है, जिसमें दस्तावेज अपलोड करने पर एनओसी जारी की जाती है। पिछले 2 वर्षों में 89 नए निजी महाविद्यालयों को अनुमति जारी की गई है। इसमें भूमि संबंधी शर्त, किराये के भवन एवं आवेदन शुल्क संबंधी प्रावधान और सरल किए जा रहे हैं, जिसके लिये अन्य राज्यों के प्रावधानों को भी देखा गया है।


10- मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने मिंटो हॉल में टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हर एक भारतवासी का माथा आज गर्व से उन्नत है। भारत की पुरुष हॉकी टीम ने केवल कांस्य पदक नहीं जीता है ये भारतीय हॉकी का पुनर्जागरण हुआ है। हम शानदार खेले।




हॉकी महिला टीम ने भी देश का दिल जीत लिया। महिला हॉकी टीम के हर एक खिलाड़ी को 31-31 लाख रु. की राशि से सम्मानित किया जाएगा। उनका हौसला टूटने नहीं देना है।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद, वे सारे देश की प्रेरणा हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज देश बढ़ रहा है। प्र​गति के लिए केवल धन की जरूरत नहीं होती। मैं सभी माता—पिता से कहना चाहता हूं बच्चों में टैलेंट हो तो उन्हें खेलने से रोकना मत।



मप्र की हॉकी अकादमी में विवेक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। खेलो इंडिया खेलो मध्यप्रदेश। गांव—गांव से प्रतिभाओं को ढूंढो। हमारा संकल्प है मध्यप्रदेश की धरती से हम ऐसे और खिलाड़ी निकालेंगे।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खिलाड़ियों के विकास में कोई बाधा नहीं रहने दी जाएगी। जुनून और संकल्प है तो दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं है।



ओलंपियन श्री ऐश्वर्य प्रताप सिंह को भी शुभकामनाएं! आपने भी उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया, प्रदेश और देश को आप पर गर्व है।



अब पैरा ओलंपिक में हमारी बेटी प्राची यादव जाने वाली हैं, ओलंपिक में जायेंगी और मेडल लेकर आयेंगी।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हॉकी खिलाड़ी श्री Vivek Sagar Prasad को मध्य प्रदेश पुलिस में डीएसपी पद पर नियुक्त करने की घोषणा कर सम्मानित किया।


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