src='https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-892JG4KGS4'/> सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) दिनाक 20/08/2021 दिन Friday

सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) दिनाक 20/08/2021 दिन Friday



सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) दिनाक 20/08/2021 दिन Friday


                                           

आज की मुख्य खबर




1-जनवरी 2022 से प्लास्टिक की छ: वस्तुएँ होगी प्रतिबंधित



मदिरा दुकानों से मिलेगा केश मेमो






Central Govt द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रंबधन (संशोधन) नियम 2021 जारी कर देश में दो चरणों में सिंगल यूज प्लास्टिक की कुछ सामग्री प्रतिबंधित करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसमें एक जनवरी 2022 से 6 वस्तुएँ प्लास्टिक स्टिकयुक्त ईयरबड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडियाँ और थार्मोकोल की सजावटी सामग्री प्रतिबंधित करने का प्रावधान किया गया है। राज्य शासन द्वारा गठित राज्य स्तरीय स्पेशल टॉस्क फोर्स की इस सिलसिले में हुई पहली बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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अपर मुख्य सचिव पर्यावरण श्री मलय श्रीवास्तव ने बताया कि Central Govt द्वारा भेजे गए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के दूसरे चरण में एक जुलाई 2022 से 11 सिंगल यूज़ प्लास्टिक वस्तुएँ प्रतिबंधित करने का प्रावधान है। ये वस्तुएँ हैं- प्लास्टिक से बनी प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, स्टिर्रस, मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट को लपेटने, पैकिंग करने के उपयोग में आने वाली प्लास्टिक फिल्म और प्लास्टिक/पीव्हीसी के 100 माईक्रोन से कम मोटाई के बैनर। प्रतिबंध लागू होने के बाद प्रभावित होने वाले लघु उद्योगों को चिन्हित कर उनको वैकल्पिक रोजगार से जोडने के लिए औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा कार्य योजना बनाई जा रही है।



राज्य स्तरीय स्पेशल टॉस्क फोर्स ने सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के उपयोग से उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए कार्ययोजना तैयार कर केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने का भी निर्णय लिया। साथ ही प्लास्टिक केरी बैग्स के राज्य में प्रतिबंध को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने का निर्णय लिया। 


टास्क फोर्स की बैठक में उल्लंघनकर्ताओं पर स्पॉट फाइन, पेनॉल्टी, प्लास्टिक के प्रयोग से होने वाले दुष्परिणामों से आम नागरिकों को भलीभांति अवगत कराने पर भी विमर्श हुआ। जन-जाग्रति के लिए विभिन्न विभाग कार्ययोजना बना रहे है।



राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति में अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, खेल एवं युवा कल्याण, नगरीय विकास एवं आवास, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास, औद्योगिक विकास एवं नीति प्रोत्साहन, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, आयुक्त जनसम्पर्क और राज्य संयोजक, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं शहरी शामिल हैं।


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2-मदिरा दुकानों से मिलेगा केश मेमो




एसआईटी की अनुशंसा पर जारी किये आबकारी विभाग ने आदेश




प्रदेश की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों से क्रेता को उसके द्वारा भुगतान की गई राशि का केश मेमो प्रदाय किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में आबकारी आयुक्त ने आदेश जारी कर दिये हैं। उल्लेखनीय है कि जहरीली शराब के कारण हुई मौतों की जाँच के लिये गठित राजौरा कमेटी ने केस मेमो अनिवार्य करने संबंधी अनुशंसा की थी।



आबकारी आयुक्त, कैम्प भोपाल द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रदेश की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों से एक सितम्बर, 2021 से विक्रय की जाने वाली मदिरा का क्रेता को भुगतान राशि का केश मेमो दिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। जारी निर्देशानुसार केश मेमो संबंधी बिल बुक जिला आबकारी कार्यालय से अनिवार्य रूप से प्रमाणित कराई जायेगी। बिल की कार्बन कॉपी अनुज्ञप्तिधारी द्वारा ठेका अवधि समाप्ति 31 मार्च, 2022 तक रखा जाना अनिवार्य होगा।



मदिरा दुकानों पर एक अधिकारी का मोबाइल नम्बर प्रदर्शित किया जायेगा। केस मेमो नहीं मिलने पर उक्त नम्बर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। आबकारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मदिरा दुकान पर उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी का मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करवाया जाये।




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3-राष्ट्रीय स्तर पर जुलाई माह में प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश का रहा सबसे बेहतर प्रदर्शन




147 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की




प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश ने जुलाई माह में सबसे बेहतर प्रदर्शन कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश ने योजना में 147 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की है। जुलाई माह में प्रदेश के लगभग 22 लाख 57 हज़ार 791 हितग्राहियों को 10, 916 लाख रूपये का मातृत्व लाभ वितरित किया गया। इस योजना में जुलाई माह में मातृत्व लाभ वितरित करने में भी मध्यप्रदेश अव्वल रहा है।



Central Govt द्वारा 1 जनवरी 2017 से प्रारम्भ की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत लागू की गयी है। योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नगद प्रोत्साहन प्रदान करना है, जिससे महिलाओं को प्रथम बच्चे के प्रसव के पूर्व और बाद में पर्याप्त आराम मिल सके। नगद प्रोत्साहन राशि के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवहारों में सुधार लाना भी योजना का उद्देश्य है।



प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में समस्त गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को प्रथम जीवित बच्चे पर निर्धारित शर्तों की पूर्ति के बाद प्रति हितग्राही 5 हज़ार रूपये तीन किश्तों में दिए जाते है। पहली किश्त 1 हज़ार रूपये आँगनवाड़ी केंद्र पर गर्भावस्था का शीघ्र पंजीयन करने पर, द्वितीय किश्त 2 हज़ार रूपये प्रसव पूर्व जाँच करने और गर्भावस्था के छः माह पूर्ण होने पर तथा 2 हज़ार रूपये की तीसरी किश्त बच्चे के जन्म का पंजीकरण एवं बच्चे के प्रथम चक्र के टीकाकरण पूर्ण होने पर डी.बी. टी. के माध्यम से सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक या पोस्ट ऑफिस खाते में प्रदान करने का प्रावधान है।




4-कक्षा 10वीं और 12वीं की विशेष परीक्षा 6 सितंबर से




प्रवेश पत्र 1 सितंबर से एमपी ऑनलाइन पर रहेंगे उपलब्ध




माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी और हायर सेकेण्डरी व्यावसायिक के साथ ही दृष्टिहीन-मूक बधिर (दिव्यांग) पाठ्यक्रम की विशेष परीक्षा 2021 का परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है। परीक्षार्थियों के प्रवेश-पत्र एक सितंबर 2021 से एम.पी. ऑनलाईन के पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। हाई स्कूल नियमित और स्वाध्यायी, दृष्टिहीन, मूक बधिर (दिव्यांग) परीक्षार्थियों की परीक्षा 6 सितंबर से 15 सितंबर 2021 तक और हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट, व्यवसायिक, दृष्टिहीन, मूक बधिर की परीक्षाएँ 6 सितंबर 2021 से 21 सितंबर 2021 तक सुबह 9 से 12 बजे के बीच आयोजित की जायेगी। इस प्रकार दोनों परीक्षाओं का संचालन एक साथ किया जायेगा।



नियमित और स्वध्यायी छात्रों की प्रायोगिक परीक्षाएँ, उन्हें आवंटित परीक्षा केन्द्र पर निर्धारित अवधि के दौरान ही आयोजित होंगी। प्रायोगिक परीक्षा की तिथि और समय के लिए परीक्षार्थी संबंधित केन्द्र के केन्द्राध्यक्ष से संपर्क कर सकते है। परीक्षा कार्यक्रम मंडल से सम्बद्ध सभी विद्यालयों के बाहर नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जायेगा। परीक्षा कार्यक्रम मंडल की वेबसाइट विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम के लिए क्लिक करें- www.mpbse.nic.in पर भी उपलब्ध हैं।...क्लिक करें...




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5-जितने तरह की क्षति, उतने ही तरह की राहत देंगे : मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan




हर बाढ़ पीड़ित को संकट से निकालने का होगा कार्य




बाढ़ प्रभावित हितग्राहियों के खाते में 23.19 करोड़ रूपये से अधिक की राहत राशि का वितरण




Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावितों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। हर बाढ़ पीड़ित को संकट से निकालने में सहायता देंगे। राहत राशि और अन्य सहायता का कार्य पूरी पारदर्शिता और संजीदगी के साथ होगा। पीड़ित जनता के लिए हम बेहतर सहारा बन सकें, इसके ईमानदार प्रयास किये जा रहे हैं। Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने बताया कि प्रदेश सरकार अब तक बाढ़ प्रभावित परिवारों के खातों में 52 करोड़ रूपए से अधिक राशि पहुँचा चुकी है।



Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने आज श्योपुर जिला मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ प्रभावितों के खातों में ऑनलाइन 23 करोड़ 19 लाख रूपये से अधिक की राशि का अंतरण कर बाढ़ प्रभावित लोगों से वर्चुअली संवाद किया। केन्द्रीय कृषि विकास एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।



चिंता न करें आप सबको संकट से पार निकालकर ले जायेंगे




Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने बाढ़ प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक तंगी जरूर है, पर चिंता न करें आप सबको बाढ़ आपदा के संकट से पार निकालकर ले जायेंगे। प्रदेश सरकार राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। बाढ़ से हुए हर प्रकार के नुकसान की भरपाई करने की सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। सरकार ने तत्काल सर्वे कराकर राहत पहुँचाने का काम किया है, जिसमें समाज का भी सहयोग मिला है। तात्कालिक तौर पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6 हजार रूपए, 50 किलो अनाज और रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान मुहैया कराया गया है। साथ ही सर्वे के आधार पर आर्थिक राहत भी खातों में पहुँचाई गई है।



सहायता के लिए तीन सूत्री रणनीति




Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कहा कि बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों की मदद और खराब हुई अधोसंरचना को फिर से खड़ा करने के लिये प्रदेश सरकार ने तीन सूत्री रणनीति बनाई है। पहला काम हर बाढ़ प्रभावित परिवार के नुकसान की भरपाई करने के लिये राहत, दूसरा काम जिन लोगों के मकान बाढ़ में उजड़ गए हैं उनके फिर से नए मकान बनवाकर पुनर्वास और तीसरा काम बाढ़ से ध्वस्त हुई अधोसंरचना मसलन सड़क, विद्युत लाईन, पुल-पुलिया, अस्पताल, स्कूल और आंगनबाड़ी भवन इत्यादि बनवाना।

 Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुँचाने के लिये सरकार ने 12 विभागों को जोड़कर टास्क फोर्स बनाया है। उन्होंने कहा तात्कालिक राहत के साथ मकान बनाने के लिये एक लाख 20 हजार, दुधारू पशु की मृत्यु पर 30 हजार, बैल की मृत्यु पर 25 हजार, बकरा-बकरी इत्यादि की मृत्यु पर 3 हजार रूपए की आर्थिक राहत दी जा रही है। साथ ही फसल नुकसान की भरपाई भी सरकार आरबीसी के प्रावधानों के तहत करेगी।



दावे-आपत्तियों का निराकरण सुनवाई कर करें




Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने सभी प्रभावित जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए कि सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता एवं संजीदगी के साथ पूर्ण कराएँ। सर्वे सूची पंचायत भवन पर चस्पां कर दावे-आपत्तियाँ ली जाएं। साथ ही प्राप्त दावे-आपत्तियों का निराकरण विधिवत सुनवाई कर किया जाए, जिससे सभी संतुष्ट हो सकें। उन्होंने स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों से भी इस काम में सहयोग करने का आग्रह किया।



खेतों में जमा हुई सिल्ट सरकार अपने खर्चे पर हटवायेगी




Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने बाढ़ प्रभावित लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि जिन किसानों के खेतों में बाढ़ की वजह से सिल्ट जमा हो गई है उसे हटवाने का काम भी सरकार अपने खर्चे पर करेगी। Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कहा कि जब इन जिलों में बाढ़ आई तब हमने तत्काल बचाव और राहत के प्रयास किये। 


जिंदगियाँ तो बचा लीं लेकिन माल नहीं बचा पाये। कई पशु बह गये। फसलों की क्षति हुई। सड़कों, पुल-पुलियाओं की क्षति हुई। अधोसंरचना ध्वस्त हुई। पहले कभी इन जिलों में ऐसी आपदा नहीं आई थी। बाढ़ से जिंदगी अस्त-व्यस्त जरूर हुई है, लेकिन राज्य सरकार फिर से जनजीवन को सामान्य बनाने और लोगों को जरूरी राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। 


Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कहा कि बाढ़ के तत्काल बाद प्रभावित जिलों के स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधियों ने पूरी मदद की। आपदा दलों ने जान हथेली पर रखकर पीड़ित लोगों का सहयोग किया।



आपदा के समय सरकार ने मदद पहुँचाने की हरसंभव कोशिश की




केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति पर किसी का जोर नहीं चलता। पर हर लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि आपदा के समय प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द हर संभव मदद पहुँचाए। इस पैमाने पर Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanके नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह खरी उतरी है। केन्द्र सरकार ने भी इसमें हरसंभव मदद की है। समाज ने भी इस आपदा से निपटने में हाथ बँटाया है।



केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने ग्राम, गरीब और किसान की प्राथमिकता से सहायता की है। बाढ़ प्रभावितों को भी उन्होंने बढ़-चढ़कर सहायता देने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा भी कर रहे हैं। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा हो, मध्यप्रदेश के Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanप्रयासों में पीछे नहीं रहते। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन पूर्ण रूप से सुगम हो जायेगा।

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6-हितग्राहियों से मुख्यमंत्री श्री चौहान का संवाद




Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कुछ जिलों के बाढ़ प्रभावित हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी किया। हितग्राहियों ने Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanको बताया कि हमें समय पर पूरी मदद मिल रही है। ग्वालियर जिले के डबरा के श्री लाखन सिंह ने कहा कि उन्हें 50 किलो आटा, राहत राशि प्राप्त हो गई है। श्री संजय तोमर ने बताया कि ग्राम बरखेड़ी टापू बन गया था। एक पक्के मकान में सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कहा कि प्रति मकान 1 लाख 20 हजार रूपये की सहायता प्रदान कर रहे हैं। राहत और पुनर्वास में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।



Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने दतिया जिले के ग्राम कोटरा के श्री विक्रम से भी चर्चा की। विक्रम ने बताया कि उन्हें अनाज और अन्य सहायता प्राप्त हो चुकी है। गुना जिले के श्री राजू अहिरवार ने बताया कि श्यामपुर ग्राम में 30-35 घर हैं। उसके घर की दीवार गिर गई है और पानी भरने से सामान का नुकसान हुआ था। उसे 30 हजार रूपये की सहायता प्राप्त हो गई है। Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanसे अशोक नगर के श्री असलम ने भी बातचीत की। हितग्राही असलम ने बताया कि उसे मकान के क्षतिग्रस्त होने के 6 हजार रूपये और सामान क्षतिग्रस्त होने के 5 हजार रूपये एवं 50 किलो अनाज की सहायता मिली है।



राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत वीडियो कांफ्रेंसिंग से राहत राशि वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।


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7-Governor MP श्री पटेल ने म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर का कुलपति




आयुक्त जबलपुर श्री बी. चन्द्रशेखर को नियुक्त किया




राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने आयुक्त जबलपुर संभाग श्री बी. चन्द्रशेखर को मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर का कुलपति पद पर नियुक्त किया है।



Governor ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 की अनुसूची की धारा 13 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य शासन से परामर्श के उपरांत कुलपति की नियुक्ति की है। आयुक्त जबलपुर संभाग श्री बी. चन्द्रशेखर वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किये गए है।





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8-Governor MP श्री पटेल ने महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया




कविकुलगुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री विजय कुमार होगें कुलपति




राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति पद पर वेद एवं व्याकरण विभाग, कविकुलगुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक नागपुर के प्रोफेसर श्री विजय कुमार को नियुक्त किया है।



राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री पटेल ने महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 की धारा 28 की उपधारा एक में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कुलपति की नियुक्ति की है। कुलपति के रुप में प्रोफेसर विजय कुमार का कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 4 वर्ष की कालावधि के लिए होगा।



9-संगीत विश्वविद्यालय प्रारम्भिक शिक्षा में ललित कलाओं, को शामिल कराने में स्कूलों का मार्ग दर्शन करें




आत्मा के ताप को शांत करना ही संगीत है : Governor MP श्री मंगुभाई पटेल




राज्यपाल ने संगीत विश्वविद्यालय ग्वालियर के 14वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया


                         

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि संगीत विश्वविद्यालय प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा में ललित कलाओं, गीत संगीत को शामिल कराने में स्कूलों का मार्ग दर्शन और सहयोग करें। उन्होंने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश के शैक्षणिक जगत को नया आयाम दिया है। हमारी मौलिक परंपराओं, सांस्कृतिक विरासत के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा व्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। आवश्यकता नई सोच और नवाचारों के साथ प्रयास की है।



Governor राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के 14वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को आज राजभवन से आभासी माध्यम द्वारा संबोधित कर रहे थें।



Governor ने कहा कि मधुर संगीत आत्मा को शांत और एकाग्र करता है। संगीत के स्वर, ध्वनि और भाव ईश्वर अराधना का माध्यम है। भारतीय संगीत का जो रूप है, उसके बीज वैदिक काल में ही पड़ चुके थे। सामवेद उन वैदिक ऋचाओं का संग्रह है, जो गाये जा सकते हैं। प्राचीन काल से ही ईश्वर की अराधना हेतु भजनों के प्रयोग की परम्परा रही है। 

यहां तक कि यज्ञ आदि के अवसर पर भी समूह गान होते थे। उन्होंने कहा कि संगीत शारीरिक और मानसिक रुप से हमें स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत बनाने का अभूतपूर्व अवसर दिया है। संगीत दो आत्माओं के बीच के अनंत को भरता है। मधुर संगीत आत्मा को शांत और एकाग्र करता है। उन्होंने कहा है कि कलाएं केवल मनोरंजन मात्र नहीं है, ये संस्कृति और सभ्यता को समृद्ध करती है। संस्कृति से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।


 उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि अपनी साधना, अनुसंधान और नवाचारों से भारतीय लोक कलाओं की समृद्ध विरासत के संरक्षण और संवर्धन में योगदान करें। भारतीय संस्कृति की जीवंतता, निरंतरता और समृद्धता में सहयोग करें।



पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि संगीत परमात्मा की साधना का माध्यम है। संस्कृति की रीढ़ है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को मज़बूत बनाने में विश्वविद्यालय को पहल करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि उज्जैन में सांदीपनी आश्रम में 64 कलाओं की जानकारी की व्यवस्था की गई है। इन सभी कलाओं के संबंध में संक्षिप्त शैक्षणिक कोर्स शुरु करने के संबंध में आम जन से मांग प्राप्त हो रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में पहल की सम्भावनाओं को तलाशने के लिए कहा है।



सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना अविस्मरणीय घटना है। इसी दिन ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। एक दिन में दो विश्वविद्यालय की स्थापना की यह महत्त्वपूर्ण घटना थी। उन्होंने कहा कि कला संस्कृति का आईना होती है। ईश्वर की अराधना का साधन होती है। विश्वविद्यालय मानवता के निर्माण का कार्य कर रहा है। ऐसी मान्यता है कि कला से जुड़ कर ही व्यक्ति मनुष्य बनता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कलाकारों और कला को तराशने और निखारने का कार्य जिस सफलता के साथ कर रहा है, आगे भी करेंगा।



कुलपति साहित्य कुमार नाहर ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि विगत 13 वर्षो से विश्वविद्यालय संगीत, नृत्य, ललित कला, एवं रंगमंच के पठन-पाठ्न और कलात्मक प्रचार का कार्य कर रहा। कला सेवा और साधना के उन्नयन के विकास पथ पर निरंतर अग्रसर है।



कुल सचिव श्री कृष्ण कांत शर्मा ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन का वाचन किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय महाविद्यालय 23 हजार विद्यार्थी संगीत, ललित, नृत्य कलाओं में अध्ययन कर रहे है। विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अग्रसर है। यहॉ के 9 विद्यार्थियों को शोध उपाधि मिली है और 101 शोधरत है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह में भी प्रस्तुति के अवसर मिले हैं। श्री सुनील ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रंजना टोरपें ने किया।


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10-Central Govt द्वारा अटल प्रोग्रेस-वे की अधिसूचना जारी




अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी: मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan




भारत शासन के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने आज मध्यप्रदेश की महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेस-1 में शामिल करने की स्वीकृति जारी की है। चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूर्णतः नया एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 404 किलो मीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झाँसी (उत्तर प्रदेश) से तथा पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जायेगा।



मख्युमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेस -1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी का आभार माना है। Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आस-पास इंडस्टियल कोरिडोर का निर्माण कराया जायेगा। जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।



उल्लेखनीय है कि इस मार्ग के निर्माण से झाँसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्यप्रदेश के 3 जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिन्दुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में अवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जायेगा।



एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक क्षेत्रों का होगा विकास




चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाये जाने वाले इस नये एक्सप्रेस-वे में मध्यप्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिये अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन द्वारा अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 7000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को 7 विभिन्न पैकजों के माध्यम से बनाये जाने की तैयारी है।



सात हजार करोड़ की निविदायें शीघ्र: मंत्री श्री गोपाल भार्गव




लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने केन्द्र सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की निविदाएँ अब अतिशीघ्र जारी की जा सकेंगी। मंत्री श्री भार्गव ने Cheif Minister Mr Shivraj Singh Chouhanद्वारा इस परियोजना में ली गई सतत रूचि एवं समीक्षा बैठकों को श्रेय देते हुए बताया कि पहली बार इतनी महत्वाकांक्षी एवं पूर्णतः नये सिर से बनाये जाने वाली परियोजना की परिकल्पना, डीपीआर निर्माण और Central Govtसे स्वीकृति प्राप्ति तक की जाने वाली कार्यवाही इतने कम समय में संभव हो पाई है।



इस परियोजना का निर्माण एन.एच.ए. आई. द्वारा किया जायेगा। अटल प्रोग्रेस-वे के लिये राज्य शासन द्वारा रिकार्ड 4 महीने में डीपीआर बनाकर Central Govtके समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1500 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तातरण भी रिकॉर्ड समय में पूर्ण कर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय (एन.एच.ए.आई) को आधिपत्य दिया जा चुका है।


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11-पीएम कुसुम-अ योजना में किसानों, विकासकों की कार्यशाला 24 अगस्त को


ऊर्जा मंत्री और नवकरणीय ऊर्जा मंत्री वितरित करेंगे लेटर ऑफ अवॉर्ड


राज्य शासन द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादकों के लिये 24 अगस्त, 2021 को मिन्टो हॉल में कार्यशाला आयोजित की जा रही है।



कार्यशाला का उद्देश्य प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम-'अ') योजना के किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान करना है। इसमें विभिन्न निर्माता कम्पनियाँ, कंसलटेंट, बैंक आदि के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। किसानों को स्वेच्छा से विकासक चयन की स्वतंत्रता रहेगी।



ऊर्जा मंत्री श्री Pradhuman Singh Tomar और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग समापन समारोह में शाम 4 बजे योजना में चयनित किसानों और विकासकों को लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) का वितरण करेंगे।



कुसुम-'अ' में प्रदेश को 300 मेगावॉट के विशेष पैकेज का आवंटन




Central Govtके नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कुसुम-'अ' योजना तहत प्रदेश में कुल 300 मेगावॉट क्षमता का आवंटन किया गया है।ऊर्जा विकास निगम द्वारा अब तक निविदा दो चरणों में 42 निविदाकर्ताओं का सौर ऊर्जा उत्पादक के रूप में चयन कर 75 मेगावॉट क्षमता का आवंटन किया जा चुका है।



आवंटन में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के 11 जिलों के 31 सब-स्टेशन के 32 सौर ऊर्जा उत्पादक,मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी 4 जिलों के 4 सब-स्टेशन के 4 सौर ऊर्जाउत्पादक व पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के 4 जिलों के 6 सब-स्टेशन के 6 सौर ऊर्जा उत्पादक शामिल हैं।



कुसुम-'अ' के तहत सौर संयंत्र की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित विद्युत सब-स्टेशनों के लगभग 5 किमी के दायरे में किसानों द्वारा उनकी अनुपयोगी बंजर कृषि भूमि पर, 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट क्षमता के विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों को विकसित करने की योजना है।



इन्हें विद्युत वितरण कम्पनी के चिन्हित 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशनों से सीधे जोड़ा जायेगा। यदि आवेदक सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिये आवश्यक इक्विटी की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे डेवलपर के माध्यम से संयंत्र विकसित कर सकते हैं।



डेवलपर द्वारा किसान को आपसी सहमति से तय दरों पर लीज रेंट दिया जायेगा।सौर ऊर्जा उत्पादकों को 1 वर्ष में ₹46 लाख की आय संभावित एक मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये लगभग 4 से 5 एकड़ भूमि की जरूरत होती है,जिससे 1 वर्ष में लगभग 15 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होता है।



उत्पादित बिजली का क्रय म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर या उससे कम दरों पर किया जायेगा। आयोग द्वारा कुसुम-'अ' योजना में स्थापित संयंत्रों से उत्पादित बिजली के विक्रय के लिये 3- 7 पैसे की सीलिंग दर (टैरिफ) निर्धारित की गई है।



योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना है। किसान को अपने खेत की अनुपजाऊ जमीन पर स्वयं या किसी निवेशक के साथ सोलर संयंत्र की स्थापना करने पर नियमित आय हो सकेगी। विशेषकर कम भूमि वाले किसानों की निर्भरता पूर्ण रूप से खेती पर नहीं रहेगी।



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