सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) दिनाक 24/08/2021 दिन Tuesday
आज के मुख्य समाचार के मुख्य बिंदु विस्तृत जानकारी के लिए पूरी पोस्ट पढिये
1-Chief Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने केन्द्रीय मंत्री श्री Mansukh Mandaviya
से मुलाकात की
2-Students में उद्यमिता की भावना बढ़ाएँ
3-Chief Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने केन्द्रीय मंत्री श्री Mansukh Mandaviya
से मुलाकात की
4-Chief Minister Mr. Chouhan का वर्चुअल संबोधन मंगलवर को
5-मौसम विभाग के अनुसार सागर, इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है।
6-वैक्सीन की प्रथम डोज आंशिक सुरक्षा, दूसरी डोज मतलब पूरी सुरक्षा
7-नल कनेक्शन युक्त हो रहे स्कूल और आंगनवाड़ी
टीकाकरण महाअभियान के लिए 11 लाख अतिरिक्त टीकों की माँग
डीएपी और यूरिया के प्रदाय में कमी को पूरा करने का अनुरोध
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख एल. मांडविया से उनके कार्यालय में मुलाकात कर प्रदेश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन महाभियान और प्रदेश में यूरिया और डीएपी की बढ़ती माँग के बारे में विस्तार से चर्चा की।
Chief Minister Mr. Chouhan ने बताया कि पूरे देश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान में मध्यप्रदेश के शत-प्रतिशत नागरिकों को टीके के दोनों डोज लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण के महाभियान का द्वितीय चरण आयोजित किया जा रहा है। अभियान के दो दिवसों में कुल 35 लाख नागरिकों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। Chief Minister Mr. Chouhan ने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि अभियान को सफल बनाने के लिए केन्द्र से 11 लाख वैक्सीन की अतिरिक्त डोज 24 अगस्त तक राज्य को प्राप्त हो जाय, जिससे अभियान को सफल बनाया जा सके। केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि 11 लाख टीके की डोज राज्य सरकार को 24 अगस्त तक केन्द्र द्वारा मुहैया करा दी जायेगी।
Chief Minister Mr. Chouhan ने बताया कि प्रदेश में धान रोपण का कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए डीएपी की माँग राज्य में बढ़ गयी है। इसके साथ ही मक्का एवं धान में यूरिया की ड्राप ड्रेसिंग की जा रही है, जिससे यूरिया की भी माँग बढ़ गई है। Chief Minister Mr. Chouhan ने आगे बताया कि प्रदेश को अभी तक यूरिया के 12.13 लाख मीट्रिक टन आवंटन की मांग के विरुद्ध केन्द्र द्वारा केवल 8 लाख मीट्रिक टन अभी तक दिया गया है। इसी प्रकार डीएपी 8.05 लाख मीट्रिक टन के आवंटन के विरुद्ध केवल 5 लाख मीट्रिक टन मुहैया कराया गया है। Chief Minister Mr. Chouhan ने अनुरोध किया कि शेष 4.13 लाख मीट्रिक टन यूरिया और शेष 3.05 लाख मीट्रिक टन डीएपी केन्द्र द्वारा शीघ्र जारी किया जाय।
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केन्द्रीय मंत्री श्री मांडविया के सुझाव पर Chief Minister Mr. Chouhan ने केन्द्र द्वारा जारी ई-रुपी व्हाउचर योजना को मध्यप्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर खाद के लिए एक जिले में लागू करने की बात कही। इसके अलावा एन पी के और एस एस पी खाद के साथ साथ नैनो यूरिया को भी कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं उनके मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं प्रगतिशील किसान अपने-अपने खेतों में इसका प्रयोग करेंगे और किसानों को इसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
2-Students में उद्यमिता की भावना बढ़ाएँ
परिणाम मूलक हो व्यवसायिक शिक्षा : श्री पटेल
राज्यपाल ने प्रौद्यौगिक, कृषि और पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों की समीक्षा की
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि Students में उद्यमिता की भावना को मज़बूत बनाएँ। उनमें आत्म-निर्भरता के संस्कार विकसित किए जाए। व्यवसायिक शिक्षा परिणाम मूलक होनी चाहिए। कृषि, पशुपालन और उद्योगों की आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा है कि सार्थक शिक्षा के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही भविष्य की जरुरतों के साथ तालमेल करते रहना जरुरी है। शिक्षण संस्था का क्षेत्र के विकास में क्या योगदान है, इस आधार पर कार्यों की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने मल्टी एक्जिट और मल्टी इन्ट्री की व्यवस्थाओं के लिए कोर्स माड्यूल को पुनर्निर्धारित करने की जरुरत बताई है।
राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी, विश्वविद्यालय भोपाल, नानाजी देशमुख पशु विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर और जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की अलग-अलग सत्रों में समीक्षा कर रहे थें।
तकनीकी शिक्षा का उद्योगों से हो जीवंत सम्पर्क
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त Students की रोजगार स्थिति की समीक्षा की जाए। कितने Students ने स्वयं के उद्यम की स्थापना की। कितने व्यवसाय अथवा सेवारत हुए, इसका शिक्षा संस्थान वार विवरण संधरित कराया जाए। उन्होंने कहा है कि जरुरी है कि Students और उद्योगों के मध्य जीवंत सम्पर्क बना रहे।
तकनीकी शिक्षा संस्थान द्वारा उद्योगों के प्रबंधन को परिसर में समय-समय पर आमंत्रित किया जाए। Students के शिक्षण, कौशल उन्नयन और तकनीकी दक्षताओं से उन्हें परिचित कराया जाए। इससे उद्योगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप Students को चयनित करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने Students के गाँव में सेवा कार्यों के अनुभवों को भी संकलित करने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा अलग-अलग सामाजिक सरोकारों के अनुसार Students को ग्रामीण अंचल में भेजा जाए। विद्यार्थी अपने अनुभवों को पारस्परिक आधार पर आपस में साझा करें। इससे गाँव के परिवेश के अनुसार जन-जागृति और समाज सेवा के कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन होगा।
कृषकों के बीच पहुँचे कृषि विशेषज्ञ और छात्र
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारा देश खेती प्रधान है। देश के विकास के लिए खेती की गुणवत्ता जरुरी है। कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ, Students को किसानों के बीच पहुँचना होगा। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान में अंतर होता है। प्रगतिशील किसानों के अनुभवों को Students के साथ साझा करने के साथ ही Students, विशेषज्ञों को गाँव में जाकर किसानों के पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बेहतर उपयोग के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा देनी चाहिए। उनके बीच नवीन जानकारियों की उपयोगिता और आर्थिक लाभ बताते हुए उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
पशुपालन जीविका का साधन बने
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि पशुपालन को आर्थिक रुप से लाभकारी बनाने के लिए जरुरी है कि पशुओं की उत्पादकता की समीक्षा कर नस्ल सुधार के कार्य किए जाए। पशुपालन के तरीकों, पशुओं के रोगों और उपचार के संबंध में व्यापक स्तर पर जानकारी का प्रसार किया जाये। उन्होंने कहा कि पशुपालकों के साथ सम्पर्क और समन्वय स्थापित कर, उन्हें पशुपालन द्वारा आमदनी बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि Students को पशुपालन में स्व-रोजगार के प्रयासों के लिए प्रेरित किया जाए। विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में पशु मेले आदि आयोजित कर पशुपालकों को नवीन और लाभकारी पशुपालन के लिए जागृत करें।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल, कुलपति राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के प्रो. सुनील कुमार, कुलपति नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ. एस.पी. तिवारी, जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. एस.के. राव मौजूद थे।
3-Chief Minister Mr Shivraj Singh Chouhan ने केन्द्रीय मंत्री श्री Mansukh Mandaviya
से मुलाकात की
टीकाकरण महाअभियान के लिए 11 लाख अतिरिक्त टीकों की माँग
डीएपी और यूरिया के प्रदाय में कमी को पूरा करने का अनुरोध
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख एल. मांडविया से उनके कार्यालय में मुलाकात कर प्रदेश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन महाभियान और प्रदेश में यूरिया और डीएपी की बढ़ती माँग के बारे में विस्तार से चर्चा की।
Chief Minister Mr. Chouhan ने बताया कि पूरे देश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान में मध्यप्रदेश के शत-प्रतिशत नागरिकों को टीके के दोनों डोज लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण के महाभियान का द्वितीय चरण आयोजित किया जा रहा है। अभियान के दो दिवसों में कुल 35 लाख नागरिकों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। Chief Minister Mr. Chouhan ने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि अभियान को सफल बनाने के लिए केन्द्र से 11 लाख वैक्सीन की अतिरिक्त डोज 24 अगस्त तक राज्य को प्राप्त हो जाय, जिससे अभियान को सफल बनाया जा सके। केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि 11 लाख टीके की डोज राज्य सरकार को 24 अगस्त तक केन्द्र द्वारा मुहैया करा दी जायेगी।
Chief Minister Mr. Chouhan ने बताया कि प्रदेश में धान रोपण का कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए डीएपी की माँग राज्य में बढ़ गयी है। इसके साथ ही मक्का एवं धान में यूरिया की ड्राप ड्रेसिंग की जा रही है, जिससे यूरिया की भी माँग बढ़ गई है। Chief Minister Mr. Chouhan ने आगे बताया कि प्रदेश को अभी तक यूरिया के 12.13 लाख मीट्रिक टन आवंटन की मांग के विरुद्ध केन्द्र द्वारा केवल 8 लाख मीट्रिक टन अभी तक दिया गया है। इसी प्रकार डीएपी 8.05 लाख मीट्रिक टन के आवंटन के विरुद्ध केवल 5 लाख मीट्रिक टन मुहैया कराया गया है। Chief Minister Mr. Chouhan ने अनुरोध किया कि शेष 4.13 लाख मीट्रिक टन यूरिया और शेष 3.05 लाख मीट्रिक टन डीएपी केन्द्र द्वारा शीघ्र जारी किया जाय।
केन्द्रीय मंत्री श्री मांडविया के सुझाव पर Chief Minister Mr. Chouhan ने केन्द्र द्वारा जारी ई-रुपी व्हाउचर योजना को मध्यप्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर खाद के लिए एक जिले में लागू करने की बात कही। इसके अलावा एन पी के और एस एस पी खाद के साथ साथ नैनो यूरिया को भी कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं उनके मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं प्रगतिशील किसान अपने-अपने खेतों में इसका प्रयोग करेंगे और किसानों को इसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
4-Chief Minister Mr. Chouhan का वर्चुअल संबोधन मंगलवर को
प्रत्येक स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्य जुड़ेंगे
Chief Minister Mr Shivraj Singh Chouhan मंगलवार 24 अगस्त को पूर्वान्ह 11.30 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्यों को संबोधित करेंगे। Chief Minister Mr. Chouhan के इस संबोधन का उद्देश्य दो दिवसीय वैक्सीनेशन महाअभियान के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी प्राप्त करना और आवश्यक निर्देश देना है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान काद्वितीय चरण 25 और 26 अगस्त को संचालित किया जा रहा है।
Chief Minister Mr. Chouhan प्रदेश के विकासखंडों, वार्डों, ग्रामों और नगरों में गठित क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्यों से बातचीत भी करेंगे। Chief Minister Mr. Chouhan इसके पहले 21 अगस्त को इन सदस्यों से चर्चा करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर भी अपील करते हुए लोगों को प्रेरित किया जाए। विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाए।
Chief Minister Mr. Chouhan का मानना है कि वैक्सीनेशन महाअभियान में आशा और उषा, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग केन्द्रीय भूमिका में रहेगा। लेकिन अन्य शासकीय विभाग भी लोगों को प्रेरित करने में सक्रिय भूमिका निभायें।
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि प्रभारी मंत्रियों को भी इस महाअभियान की तैयारियों की पूर्णता सुनिश्चित करने को कहा है। प्रदेश में सितम्बर माह तक प्रथम डोज शत-प्रतिशत पात्र आबादी-को लगवाने का लक्ष्य है। महाअभियान में घर-घर जाकर लोगों को पीले चावल देकर वैक्सीनेशन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। जिला स्तर पर कलेक्टर्स सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न नवाचारों को भी अंजाम दे रहे हैं। इससे वैक्सीनेशन के लिए पात्र लोगों को टीकाकरण केन्द्र तक लाने में सहयोग मिलेगा।
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5-मौसम विभाग के अनुसार सागर, इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है।
वहीं पिछले 24 घंटों में शहडोल,रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई,जबकि सागर संभाग के जिलों का मौसम मुख्यत: शुष्क रहा।
6-वैक्सीन की प्रथम डोज आंशिक सुरक्षा, दूसरी डोज मतलब पूरी सुरक्षा
वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने प्रदेश में Chief Minister Mr Shivraj Singh Chouhan की पहल पर 25 एवं 26 अगस्त को दो दिवसीय अभियान चलाया जाएगा।
कोरोना के विरूद्ध पूरी तरह से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित हो रहा है
वैज्ञानिक तथ्य कहते हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज समय पर लग जाने से व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की संभावना 93 प्रतिशत तक घट जाती है।
साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु की संभावना भी नगण्य हो जाती है। प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिये संवेदनशील राज्य सरकार लक्षित समूह को वैक्सीन का सुरक्षा कवच देने के लिए कटिबद्ध है।
कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने विश्व के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया था। कोरोना काल में अनेकों ने अपनी जान भी गंवाई। कोरोना के साथ लड़ाई में भारत ने कम समय में स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर एक अनूठा उदाहरण पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत किया।
वैक्सीन का निर्माण जितनी तेजी से किया गया, उतनी ही रफ्तार से प्रदेशों में वैक्सीन पहुँचाई भी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने "सबको वैक्सीन-नि:शुल्क वैक्सीन" मंत्र देकर वैक्सीन तक सभी की पहुँच सुनिश्चित की।
वैक्सीन की उपलब्धता के साथ उसके उपयोग में मध्यप्रदेश पूरे राष्ट्र में अग्रणी रहा।
वैक्सीन के द्वितीय डोज का महत्व
कोरोना महामारी से बचाव के तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए कोविड-19 के दोनों डोज लगवाना अत्यन्त आवश्यक है।
कोविड-19 टीके का प्रथम डोज मनाव शरीर में आंशिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिसके लगने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। वैक्सीन का द्वितीय डोज समयावधि में लगवाने से वैक्सीन की एफिकेसी सर्वाधिक रहती है।
प्रदेश में अभी दो प्रकार की वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। चिकित्सकीय एवं वैज्ञानिक आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 84 दिन बाद द्वितीय डोज और कोवैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 28 दिन बाद द्वितीय डोज लेना जरूरी है।
वैक्सीन की द्वितीय डोज लगने के 2 से 3 सप्ताह बाद ही शरीर में कोरोना बीमारी के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण रूप से विकसित होती है। साथ ही शरीर एक से अधिक प्रकार की एंटीबॉडी तैयार करता है जो कोरोना और उसके अन्य वेरिएंट के विरूद्ध बचाव करने में सहायक होती है।
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सिर्फ सरकार की ही नहीं, समाज की जिम्मेदारी भी है। हर नागरिक को स्व-प्रेरणा से आगे आकर सरकार द्वारा दिए जा रहे वक्सीन के सुरक्षा कवच को अपनाना होगा।
यह अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए चलाए गए प्रथम टीकाकरण महाअभियान में राष्ट्रीय स्तर पर जो सफलता मिली, उसमें जन-भागीदारी की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता है। प्रदेश में अभियान का दूसरा चरण 25 एवं 26 अगस्त को होने जा रहा है।
प्रथम महाअभियान की तरह इस महाअभियान में भी राज्य सरकार के प्रयासों के साथ जनता की भागीदारी भी बहुत जरूरी होगी। यूं तो वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगवा लेने के बाद काफी हद तक कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है। इसके बावजूद भी सजग और सर्तक रहने की आवश्यकता है।
कोरोना वायरस के प्रति अनुकूल व्यवहार को अपनाते रहना होगा, जिसमें मास्क लगाना, हाथों को समय-समय पर सेनेटाइज करना, ज्यादा भीड़-भाड़ न करना और न ही उसमें शामिल होने जैसी गतिविधियों को अपनाते रहना होगा। तभी हम अपने आपको और समाज को कोरोना वायरस से बचा पाएंगे।
राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिये जो भगीरथी प्रयास किये वह किसी से छिपे नहीं हैं। कोरोना की जाँच से लेकर उपचार की जो व्यवस्थाएँ की गई, उससे प्रदेश में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है।
वैक्सीन का सुरक्षा कवच हर नागरिक को मिल जाए, यह प्रयास राज्य की संवेदनशील सरकार ने किया है। इन प्रयासों में आम नागरिक के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं, कोरोना वॉलेंटियर्स, शहरी-ग्रामीण जन-प्रतिनिधियों के साथ समाज के हर वर्ग को आगे आकर अभियान में सहयोग करना होगा।
वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर यदि नजर डाले तो हम पायेंगे कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए लक्षित समूह की संख्या 5 करोड़ 49 लाख है, जिसके विरूद्ध अब तक प्रदेश में 4 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं।
इनमें से वैक्सीन की दूसरी डोज 65 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है। वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिये मध्यप्रदेश में टीकाकरण महाअभियान का दूसरा चरण 25 अगस्त से प्रांरभ किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य वैक्सीन के दूसरे डोज का कव्हरेज बढ़ाना भी है।
7-नल कनेक्शन युक्त हो रहे स्कूल और आंगनवाड़ी
समूह जल-प्रदाय की 28 नई योजनायें देंगी 15 लाख से अधिक घरों को जल
जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 22 हजार 200 आँगनबाड़ियों और 37 हजार 900 स्कूलों में नल के जरिये पेयजल पहुँचाने की व्यवस्था की जा चुकी है।
प्रदेश की शालाओं और आंगनवाड़ियों में आने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और सुगमता से पेयजल की आपूर्ति की दिशा में भी जल जीवन मिशन से काफी सहयोग मिला है। सभी स्कूलों एवं आंगनवाड़ियों में नल कनेक्शन से जल मुहैय्या करवाने का कार्य मिशन में चल रहा है।
प्रदेश में इन दोनों प्रकार की संस्थाओं में लक्ष्य के विरूद्ध क्रमश: 32 और 41 प्रतिशत की पूर्ति की जा चुकी है।
जल निगम द्वारा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रस्तावित 28 समूह जल-प्रदाय योजनाओं से 15 लाख 20 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिए जायेंगे।
जल निगम बहुत जल्द 9,847 करोड़ रूपये की इन जल-प्रदाय योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ कर रहा है, जिससे प्रदेश के 6,449 ग्रामों के शत-प्रतिशत घरों में नल के जरिये जल पहुँचाया जा सकेगा।
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