सुप्रभात मध्यप्रदेश - आज की मुख्य खबर ( Breking News) दिनाक 27/08/2021 दिन Fraiday
1-परंपरागत विश्वविद्यालयों में खुलेंगे कृषि संकाय
2-एनएएस 2021 की तैयारी के लिये शिक्षकों का विषयवार राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण
3-Education नीति ऐसी हो जिससे युवा आत्म-निर्भर बनें और आत्म-सम्मान से भरपूर रहें
4-State को अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाना है
5-National Education नीति को लागू करने वाला मध्यState देश का अग्रणी राज्य
1-परंपरागत विश्वविद्यालयों में खुलेंगे कृषि संकाय
State की उच्च Education में एक और नया आयाम जुड़ेगा
उच्च Education मंत्री Dr Mohan Yadav ने कहा कि State में National Education नीति के साथ एक नई शुरुआत हो रही है।। State में अब परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि, हॉर्टिकल्चर जैसे संकाय प्रारंभ होने से उच्च Education में एक नया आयाम जोड़ा जा रहा है। इन विश्वविद्यालयों में कृषि-हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री जैसे मूलभूत पाठ्यक्रमों को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। इससे अंतर्विषयक ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी इस ओर आकर्षित होंगे।
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उच्च Education मंत्री डॉ. यादव ने पत्रकारों में चर्चा करते हुए बताया कि लंबे प्रयासों के बाद परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि संकाय प्रारंभ किए जा रहे हैं। अभी तक राज्य शासन के स्तर पर प्रारंभ किए गए कृषि महाविद्यालयों और कृषि विश्वविद्यालयों में ही कृषि, हॉर्टिकल्चर से संबंधित पढ़ाई होती आई है। यह निर्णय निश्चित रूप से मध्यState जैसे कृषि आधारित व्यवस्था वाले राज्य में उच्च Education को ग्रासरूट से जोड़ेगा।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय इस वर्ष से कृषि संकाय अंतर्गत बीएससी (ऑनर्स) एग्रीकल्चर, बीएमसी (ऑनर्स) हॉर्टिकल्चर, बीएससी (ऑनर्स) फॉरेस्ट्री, एमएससी एग्रीकल्चर, एमएससी हॉर्टिकल्चर और एमएससी फॉरेस्ट्री के पाठ्यक्रम प्रारंभ कर रहा है। इससे संबंधित अध्यादेश परिनियम Governor श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में समन्वय समिति ने पारित किए हैं। इन प्रावधानों को सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू किया जाएगा।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब पारंपरिक विश्वविद्यालय अपने यहाँ कृषि, हॉर्टिकल्चर से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ कर सकते हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भी कृषि से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं।
117 शासकीय महाविद्यालयों में 459 डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम स्वीकृत
उच्च Education मंत्री ने कहा कि State के 117 शासकीय महाविद्यालयों में 459 डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम स्वीकृत किए गए हैं। विद्यार्थियों को रोजगार मूलक Education प्रदान करने के उद्देश्य से अलग-अलग विषयों में अतिरिक्त सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सत्र 2021-22 से स्रातकोत्तर के 50, स्नातक के 23, पीजी डिप्लोमा के 30, डिप्लोमा के 34 और सर्टिफिकेट के 44, इस तरह कुल 128 नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं।
2-एनएएस 2021 की तैयारी के लिये शिक्षकों का विषयवार राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण
State में कक्षा तीसरी, पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों को National उपलब्धि सर्वे (एनएएस) 2021 परीक्षा की तैयारी कराने के लिए राज्य Education केन्द्र द्वारा State के शिक्षकों का विषयवार राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण किया जा रहा है।
संचालक राज्य Education केंद्र श्री धनराजू एस ने बताया कि हिन्दी, गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के शिक्षकों को 28 अगस्त से 1 सितम्बर तक राज्य Education केन्द्र के यूट्यूब लाइव के माध्यम से विषय की बारीकियों और परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के अनुसार प्रशिक्षित किया जायेगा। इसमे विषयों के अभ्यास, प्रश्नबैंक और मॉक टेस्ट पेपर के साथ एनएएस परीक्षा प्रकृति के प्रश्नों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।
श्री धनराजू ने बताया कि National उपलब्धि सर्वे में छात्र-छात्राओं से पूछे जाने वाले प्रश्न उनकी उच्चस्तरीय क्षमताओं जैसे कि विश्लेषण, तार्किक चिंतन और अवधारणात्मक स्पष्टता को जांचने की प्रकृति के होते हैं। इस प्रकार के प्रश्नों पर शिक्षकों की स्पष्ट समझ बनाने की भी आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को लेकर यह उन्मुखीकरण किया जा रहा है। उन्मुखीकरण में डाईट फैकल्टी, शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शाला के संबंधित शिक्षक, संबंधित विषय के बीएसी और जनशिक्षकों द्वारा सहभागिता की जायेगी।
उन्मुखीकरण प्रसारण की लिंक एसएसए ऑफिशियल 'व्हाटसएप ग्रुप' पर सभी डी.पी.सी. को उपलब्ध करा दी गई है। डी.पी.सी. यह सुनिश्चित करेंगे कि समस्त शालाओं के विषय शिक्षक इस उन्मुखीकरण में सहभागिता अनिवार्य रूप से करें।
नई Education नीति ने देश को ज्ञान आधारित सुपर पावर बनने का अवसर दिया है: Governor MP श्री पटेल
हम युवाओं को इतना कौशल सम्पन्न बनाएंगे कि उन्हें स्वत: रोजगार मिले: मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan
State में राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन की होगी स्थापना
- नई National Education नीति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का माना आभार
- Chief Minister Mr. Chouhan ने की State में National Education नीति लागू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम युवाओं को इतना कौशल सम्पन्न बनाएंगे कि उन्हें स्वत: रोजगार मिले। ऐसी Education जो व्यक्ति को आजीविका अर्जन में सक्षम और आत्म-निर्भर नहीं बना सकती, वह Education व्यर्थ है। रोजगारोन्मुखी Education और कौशल उन्नयन की व्यवस्था करना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के Education और कौशल संवर्धन के साथ नई पीढ़ी का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के संकल्प को नई National Education नीति शत-प्रतिशत पूर्ण करती है। Chief Minister Mr. Chouhan ने नई National Education नीति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार माना। Governor श्री मंगू भाई पटेल की गरिमामय उपस्थिति में Chief Minister Mr. Chouhan ने State में National Education नीति लागू करने की घोषणा की। मिंटो हॉल में कार्यक्रम में उच्च Education मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रमुख सचिव उच्च Education श्री अनुपम राजन तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाईस चांसलर तथा शोधार्थी सम्मिलित हुए।
55 महाविद्यालयों के बीच हुए एमओयू
Governor श्री मंगू भाई पटेल तथा Chief Minister Mr. Chouhan द्वारा उच्च Education विभाग की पत्रिका “सफलता के सोपान” का विमोचन किया गया। साथ ही इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों को सीड मनी का वितरण भी किया गया। जीईआर में वृद्धि के लिए दूरवर्ती Education केन्द्रों की स्थापना के लिए भोज मुक्त विश्वविद्यालय और 55 महाविद्यालयों के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल Education, समय की मांग
Governor श्री मंगू भाई पटेल ने कहा कि State के Education संस्थान छात्र-छात्राओं को जीवन की अनंत ऊँचाइयों को छूने के लिए उड़ान भरने का लांच-पेड बने। छात्र-छात्राओं को उनकी पसंद और जरुरत की Education के अवसर देने के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा एक्टिव नॉलेज के वेब आधारित ऑन लाइन पाठ्यक्रमों और क्रेडिट की व्यवस्था की जाए। National Education नीति द्वारा Education की पहुँच, शैक्षणिक समानता, गुणवत्ता और उपयोगिता को उत्तरदायित्व पूर्ण बनाकर, हम देश का भविष्य बदल सकते हैं। प्राचीन भारत में नालंदा, तक्षशिला जैसे Education के केन्द्र थे।
नई Education नीति ने देश को एक बार फिर ज्ञान आधारित सुपर पॉवर बनाने का अवसर दिया है। विश्वविद्यालय National Education नीति निर्माताओं के विजन की दिशा और दर्शन के अनुसार अपनी कार्य-दक्षता और ज्ञान भंडार का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करते हुए नीति को लागू करे। विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक वातावरण छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने वाला हो। छात्र जरूरी कौशलों, ज्ञान से लैस हो। Education में भाषाई बाध्यताएँ नहीं रहें। दिव्यांग छात्रों के लिये भी Education सुगम हो।
Governor श्री पटेल ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल Education समय की मांग है। विश्वविद्यालयों को वर्तमान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों और भविष्य की जरुरतों के लिए इनोवेशन के साथ रिसर्च के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। Education को महिलाओं, वंचित वर्गों में विस्तारित करने के लिए पढ़ाई के अवसरों को ऑनलाइन विस्तारित किया जाए। अंतर विषयक और बहु विषयक Education प्रणाली की सफलता के लिए Education के प्रत्येक चरण की पूर्णता पर प्रमाण-पत्र और डिप्लोमा आदि प्रदान करने की व्यवस्थाएँ हों।
3-Education नीति ऐसी हो जिससे युवा आत्म-निर्भर बनें और आत्म-सम्मान से भरपूर रहें
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि Education नीति ऐसी हो जिससे रोजगार और आत्म-निर्भरता के साथ स्वाभिमान, आत्म-सम्मान और समाज के प्रति दायित्व बोध में भी वृद्धि हो न कि विद्यार्थियों की कुंठा बढ़े। अत: रोजगार और कौशल उन्नयन करने वाली Education व्यवस्था आज की आवश्यकता है। जिन विद्यार्थियों को क्षेत्र विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करना है, वे उच्च Education की ओर अग्रसर हों।
ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना Education का लक्ष्य
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना Education का लक्ष्य है। Education वह है जो व्यक्ति को सम्पूर्णता प्रदान करे। सभी आवश्यकताओं को व्यवहारिक रूप से पूर्ण करने के साथ अंतिम लक्ष्य तक पहुँचने में सक्षम बनाएँ। इन लक्ष्यों के अनुरूप ही नई National Education नीति में आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं।
Education को रटंत प्रक्रिया से दक्षता की ओर ले जाने का प्रयास किया गया है। विषयों के चयन में अधिकतम विकल्प उपलब्ध कराकर प्रयास यह किया गया है कि विद्यार्थियों में शोध और अनुसंधान की प्रवृत्ति विकसित हो। उनकी नैसर्गिक और स्वाभाविक रूचियों तथा गुणों को प्रोत्साहन मिले।
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि विद्यार्थियों में नागरिकता के संस्कार विकसित करना आवश्यक है देश भक्ति, कर्मठता, ईमानदारी, परिश्रम, अनुशासन और बेटियों के प्रति सम्मान के भाव और संस्कार युवा वर्ग आत्मसात करें यह जरूरी है। नई Education नीति में नैतिक Education, भारतीय ज्ञान परंपरा, महापुरुषों की जीवनियों को सम्मिलित किया गया है। विद्यार्थियों को एनएसएस और एनसीसी से जोड़ने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए।
शिक्षण में क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन महत्वपूर्ण
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्वविद्यालयों में बेहतर शिक्षण के लिए पाँच सी को महत्वपूर्ण बताया है। यह है क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन। प्रोफेसर और लेक्चर्स का प्रशिक्षण भी आवश्यक है, ।
वाइस चांसलर करें मॉनीटरिंग, मूल्यांकन और दें मार्गदर्शन
( आप यह जानकारी हमारे Web pege https://www.youngyouthindiacareerknowlege.com OR YOUNG YOUTH INDIA CAREER KNOWLEDGE पर देख रहे है पोस्ट पसंद आई हें तो इसे अपने दोस्तो में शेयर करें ताकि अपने दोस्तों को भी इस पोस्ट के बारे में पता चल सके । और नीचे कमेंट करें कि आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी।)
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलरों का काम केवल कॉलेजों को संबद्धता देना नहीं है। Education का उद्देश्य पूरा करने वाली Education, विद्यार्थियों को मिल रही है या नहीं यह सुनिश्चित करना उनका दायित्व है। वाइस चांसलर निरंतर कॉलेजों की मॉनिटरिंग करें, मूल्यांकन करें और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि Education की गुणवत्ता में सुधार के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेंगे। देश और दुनिया में जो बेहतर हो रहा है उसे अपनाना जरूरी है। बेस्ट प्रेक्टिसेज का आदान-प्रदान आवश्यक है।
विश्वविद्यालयों को शोध के केंद्र के रूप में कार्य करना चाहिए
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शोध केंद्र के रूप में कार्य करना चाहिए। बिना शोध के संपूर्णता संभव नहीं है। National Education नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की बात कही गई है। मध्यState में इसी प्रकार राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। यह फाउंडेशन सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कोलेबरेशन से स्थापित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय, उद्योगों के साथ मिलकर कार्य करें
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि आज की दुनिया कोलेबरेशन की दुनिया है। अपने संसाधनों और ज्ञान को शेयर करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय, उद्योगों के साथ मिलकर कार्य करें। कृषि और उद्योगों के साथ जोड़कर विश्वविद्यालय उनकी आवश्यकता को समझें, इससे Education को और अधिक उपयोगी बनाया जा सकेगा।
4-State को अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाना है
Chief Minister Mr. Chouhan ने कहा कि नए संकल्प के साथ हम आगे कदम बढ़ाए। मध्यState सरकार की यह प्रतिबद्धता है कि National Education नीति को लागू करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएंगे और हम State को अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाकर खड़ा करेंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कृषि संकाय आरंभ
उच्च Education मंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि Education नीति में बदलाव के लिए वर्ष 1968 और 1986 में भी प्रयास हुए, परंतु वह प्रभावी नहीं रहे। देश को ऐसी नीति नहीं चाहिए जो बेरोजगारों की भीड़ बढ़ाती रहे। State का सकल नामांकन अनुपात बढ़कर 24. 2 हो गया है, जो National अनुपात से केवल 2.9 ही पीछे है। इसमें वृद्धि के लिए प्रयास जारी हैं। आज विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कृषि संकाय आरंभ किया जा रहा है। कृषि के साथ उद्यानिकी, चिकित्सा, खाद्य प्र-संस्करण जैसे संकाय सभी विश्वविद्यालयों में आरंभ हों। यह गतिविधियाँ विश्वविद्यालयों को अकादमिक स्वतंत्रता देंगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएंगी। इससे उन्हें देश–दुनिया में बेहतर अवसर मिलेंगे।
State में National Education नीति का स्वरूप प्रधानमंत्री श्री मोदी की परिकल्पना के अनुरूप
प्रमुख सचिव उच्च Education श्री अनुपम राजन ने जानकारी दी कि National Education नीति को State में लागू करने के लिए उच्च Education मंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया था। विषय-विशेषज्ञों और कुलपतियों के साथ विचार-विमर्श उपरांत National Education नीति के संकल्पों को समग्रता में लागू करने का प्रयास किया गया है। वर्तमान में एक सितंबर से आरंभ होने वाले सत्र में Education नीति उसी स्वरूप में लागू होगी, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की है।
National Education नीति के महत्वपूर्ण बिंदु जैसे 4 वर्षीय डिग्री कोर्स, बहु संकाय अध्यापन व्यवस्था, सर्टिफिकेट डिप्लोमा-डिग्री कोर्स की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है। साथ ही नीति में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, अकादमिक संरचना और स्वरूप और क्रेडिट हस्तांतरण एवं प्रबंधन पर विशेष तकनीकी-सत्र भी आयोजित किए गए।
National Education नीति 2020
सत्र 2021-22 से State के सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में National Education नीति 2020 लागू कर दी गई है। मध्यState National Education नीति 2020 को लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। National Education नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक स्तर पर 4 वर्षीय पाठ्यक्रम के साथ-साथ च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम विद्यार्थियों के लिए रहेगा।
इसके साथ रोजगारपरक व्यवसायिक पाठ्यक्रम, बहुप्रविष्टि एवं बहुनिकास की उपलब्धता, भारतीय ज्ञान परंपरा का पाठ्यक्रम में प्रवेश, क्रेडिट हस्तांतरण की सुविधा, प्रत्येक विद्यार्थी को ऑनर्स पाठ्यक्रम करने का अवसर, कला, विज्ञान, शारीरिक Education तथा अन्य गतिविधियों को बढ़ावा, व्यवहारिक Education और जीवन कौशल को विकसित करना National Education नीति 2020 में शामिल है। National Education नीति 2020 के अंतर्गत 04 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में कुल 160 क्रेडिट विद्यार्थियों के लिये रहेंगे तथा वैकल्पिक विषय चयन की सुविधा रहेगी।
National Education नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक स्तर पर विषयों के चयन में एक मुख्य विषय, एक गौण विषय, एक वैकल्पिक विषय तथा एक व्यवसायिक पाठ्यक्रम(कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम), अनिवार्य विषय के रूप में आधार पाठ्यक्रम(योग्यता संवर्धन पाठ्यक्रम), इंटरनशिप/ परियोजना कार्य होंगे।
महाविद्यालयों में मांग के अनुरूप सर्टिफिकेट/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए 160 महाविद्यालयों में 282 सट्रिफिकेट तथा 177 डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति जारी कर दी गई है।
5-National Education नीति को लागू करने वाला मध्यState देश का अग्रणी राज्य
केन्द्रीय Education मंत्री श्री Dharmendra Pradhan ने State की जनता और मुख्यमंत्री को दी बधाई
केन्द्रीय Education, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि National Education नीति 2020 को लागू करने वाला मध्यState देश का अग्रणी राज्य बन गया है। National Education नीति राज्य के छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को साकार करने और उन्हें सशक्त बनाने की कुंजी होगी। केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान ने ट्वीट के माध्यम से मध्यState की जनता और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि मध्यState में आज Governor MP श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने National Education नीति 2020 को लागू किया।
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