src='https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-892JG4KGS4'/> कैबिनेट (सरकार) मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट (सरकार) मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय



मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय —



1- भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित विधवा महिलाओं को सामाजिक पेंशन योजना के अतिरिक्त ₹1000 मासिक पेंशन शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी।

2-मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना शासकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के परिजनों का सहारा बनी मध्यप्रदेश सरकार #COVID19 से मृत्यु होने पर पात्र आश्रितों को दी जा रही अनुकंपा

3-लाड़ली लक्ष्मी योजना को शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

4-169 शासकीय महाविद्यालयों में 450 नए पदों का सृजन

5-मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह सहायता योजना

7-लोक निर्माण विभाग ने जारी किये स्थानांतरण के विस्तृत निर्देश —- 7 दिवस में होना होगा कार्यमुक्त, अन्यथा होगी कार्रवाई







भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित विधवा महिलाओं को सामाजिक पेंशन योजना के अतिरिक्त ₹1000 मासिक पेंशन शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी।

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना शासकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के परिजनों का सहारा बनी मध्यप्रदेश सरकार #COVID19 से मृत्यु होने पर पात्र आश्रितों को दी जा रही अनुकंपा नियुक्ति.



भोपाल गैस पीड़ित कल्याणी बहनों को पेंशन होगी पुन: शुरू —


मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhanको मंत्री श्री Vishvas Kailash Sarang ने दिया धन्यवाद भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने भोपाल गैस पीड़ित कल्याणी बहनों की एक हजार रुपये प्रतिमाह की पेंशन को पुन: शुरू करने के निर्णय के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद ज्ञापित किया है।


    उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में राज्य सरकार ने भोपाल गैस त्रासदी के समय जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी, उनकी पत्नियों को एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन राशि देना शुरू किया था। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि पिछली सरकार के समय यह पेंशन राशि देना बंद कर दिया गया था।


     गत भोपाल गैस त्रासदी की वर्षगाँठ पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की थी कि उन्हें पुन: एक हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जायेगी। उन्होंने बताया कि आज केबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया है।


      इससे पौने पाँच हजार बहनें, जो आर्थिक संकट से गुजर रही थीं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। राज्य सरकार की यह पेंशन राशि उन्हें वर्तमान में मिल रही पेंशन के अतिरिक्त होगी। भोपाल गैस त्रासदी में कल्याणी हुई बहनों के लिये यह बड़ी सौगात होगी। राज्य सरकार अपना हर वादा पूरा करती है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना को शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा :



मुख्यमंत्री श्री चौहान “बेटी बोझ नहीं बुढ़ापे का सहारा है” का विचार समाज में स्थापित करें मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा।


समाज में यह धारणा स्थापित करना है कि बेटी बोझ नहीं बुढ़ापे का सहारा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत लाड़लियाँ, सशक्त, समर्थ, सक्षम और आत्म-निर्भर बनकर समाज में योगदान दें, इसके लिए लाड़ली लक्ष्मियों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार आदि के लिए हरसंभव मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा।


लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, कौशल संवर्धन और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए योजना को नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान लाड़ली लक्ष्मी योजना पर मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री अशोक शाह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


बालिकाओं की कक्षावार ट्रेकिंग होगी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत सभी बालिकाओं की शिक्षा की निरंतरता के लिए कक्षावार ट्रेकिंग की जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी बालिका के पहली में प्रवेश लेने से लेकर 12वीं कक्षा तक ट्रेकिंग के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मियों के व्यक्तित्व विकास के लिए उन्हें एन.सी.सी, एन.एस.एस. जैसी गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा।


प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लाड़लियों को कॉउंसलिंग और कोचिंग की व्यवस्था मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद लाड़ली लक्ष्मी की रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार उच्च शिक्षा या तकनीकी/व्यवसायिक शिक्षा के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉउंसलिंग और कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। बालिकाओं को स्टार्टअप, लघु-मध्यम उद्योग और निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने के लिए भी आवश्यक प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।


12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए 20 हजार रूपए देने का प्रावधान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना में पंजीकृत बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने पर आगे की शिक्षा अथवा व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 20 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। एक लाख रूपए में से शेष 80 हजार रूपए का भुगतान 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर होगा।


लाड़ली लक्ष्मी योजना को स्वास्थ्य और पोषण से भी जोड़ा जाएगा मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए योजना को स्वास्थ्य और पोषण से भी जोड़ा जाएगा। लाभार्थी बालिकाओं के टीकाकरण, एनीमिया सहित अन्य आवश्यक स्वास्थ्य जाँचों की व्यवस्था और पोषण आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी के माता-पिता को बालिका कल्याण के लिए संचालित सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।


राज्य शासन की ओर से प्रोत्साहन प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है। इससे माता-पिता में बचत की आदत भीविकसित होगी। बेहतर लिंगानुपात के लिए पुरस्कार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेहतर लिंगानुपात सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को पुरस्कृत किया जाएगा।


बालिकाओं का आत्म-विश्वास बढ़ाना आवश्यक मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को केवल आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली योजना तक सीमित नहीं रखा जाए। बालिकाओं को सकारात्मक वातावरण देना और निरंतर प्रोत्साहित करना आवश्यक है। बालिकाओं को यह अनुभव कराना होगा कि वे अपने माता-पिता और समाज के लिए विशेष महत्व रखती हैं।


उन्हें विश्वास देना होगा कि वे जीवन में नए आयाम और उपलब्धियाँ प्राप्त कर सकती हैं। बालिकाओं के उत्साहवर्धन और उनसे संवाद के लिए होंगे कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहाकि बालिकाओं के उत्साहवर्धन और उनसे संवाद के लिए प्रतिवर्ष प्रेरणास्पद तीन या चार कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।


इससे बालिकाओं का बेहतर व्यक्तित्व विकास भी होगा। प्रदेश में 39 लाख 37 हजार लाड़ली लक्ष्मियाँ बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 39 लाख 37 हजार बालिकाएँ लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हैं। लाड़ली लक्ष्मी निधि में 9,150 करोड़ रूपए जमा हैं। स्कूल जाने वाली 5 लाख 91 हजार 203 बालिकाओं को 136 करोड़ की छात्रवृत्ति का अब तक वितरण किया जा चुका है। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी अधिनियम 2018 प्रभावशील है। योजना के अंतर्गत वर्तमान में कक्षा 6 में प्रवेश पर 2 हजार रूपए, कक्षा 9 में प्रवेश पर 4 हजार रूपए, कक्षा 11 में प्रवेश पर 6 हजार रूपए और कक्षा 12 में प्रवेश पर 6 हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। बालिका के 12वीं की परीक्षा में शामिल होने और 18 वर्ष की आयु तक विवाह न करने तथा 21 वर्ष पूर्ण होने पर एक लाख रूपए के भुगतान की व्यवस्था है।






169 शासकीय महाविद्यालयों में 450 नए पदों का सृजन —



मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित कैबिनेट में 169 शासकीय महाविद्यालयों के लिए सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ाधिकारी के 450 नए पद सृजित किए गए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इन पदों की स्वीकृति के बाद काफी हद तक सहायक प्राध्यापकों एवं अन्य पदों की पूर्ति की जा सकेगी।


आगामी सत्र से इन महाविद्यालयों में सुचारू रूप से पढ़ाई का संचालन हो सकेगा। उन्होंने बताया कि सहायक प्राध्यापक के 370, क्रीड़ाधिकारी के 40 और ग्रंथपाल के 40 पद स्वीकृत किए गए हैं। इस प्रकार उच्च शिक्षा विभाग में अब सहायक प्राध्यापकों के 9432, ग्रंथपाल के 527 और क्रीड़ाधिकारी के 487 पद हो गये हैं।



मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह सहायता योजना —


शासकीय सेवकों की कोरोना से आकस्मिक मृत्यु होने पर परिजनों को 5 लाख रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता दी जा रही है।




लोक निर्माण विभाग ने जारी किये स्थानांतरण के विस्तृत निर्देश —-


7 दिवस में होना होगा कार्यमुक्त, अन्यथा होगी कार्रवाई — लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य शासन की नई स्थानांतरण नीति के तहत विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।


इसके तहत स्थानांतरण आदेश से लेकर कार्यमुक्ति तक के सभी आदेश विभाग की आधिकृत ई-मेल आईडी के द्वारा ही जारी किये जायेंगे। प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई ने कहा है कि स्थानांतरण प्रक्रिया में कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखा गया है। राज्य शासन द्वारा निर्धारित संवर्गवार कोटे के अनुसार ही स्थानांतरण किये जायेंगे।


उन्होंने स्पष्ट किया है कि स्थानांतरण के बाद 7 दिवस में कार्यमुक्त होना अनिवार्य होगा, कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव श्री मंडलोई ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई स्थानांतरण नीति 2020-21 का लोक निर्माण विभाग में कड़ाई से पालन किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कोविड-19 से प्रभावित कर्मचारियों के लिए भी विस्तृत दिशा-निर्देश पूर्व में जारी किये गये है। जिला स्तरीय संवर्ग को छोड़कर शेष समस्त प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों के आदेश राज्य शासन स्तर से जारी किए जाएंगे। शासकीय कर्मी को स्थानांतरण के 7 दिवस में अनिवार्य रूप से कार्यमुक्त किया जाएगा, इसका दायित्व संबंधित परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता का होगा।


श्री मंडलोई ने बताया कि परस्पर सहमति से स्थानांतरण आवेदन पर कार्यालय प्रमुख का प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। उन्होंने स्पष्ट किया है कि स्थानांतरण प्रस्तावों के परीक्षण में यह भी ध्यान रखा जाएगा, कि विभाग द्वारा जारी पात्रता सूची (समयमान वेतनमान) में उच्च पद के प्रभार की पात्रता प्रभावित न हो।

जिन शासकीय सेवकों के पूर्व में मुख्यमंत्री समन्वय से स्थानांतरण किये गये हैं, उनका वर्तमान स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार करते समय स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। इसका परीक्षण प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को करना होगा। साथ ही राज्य संवर्ग के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण (जिले के भीतर छोड़कर) विभागीय मंत्री के अनुमोदन उपरांत प्रमुख अभियंता द्वारा किए जाएंगे।



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