चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति शासनादेश दिनाक ०९/०७/२०२१ राज्य शिक्षा सेवा के लिए जारी |
लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश द्वारा आदेश जारी |
देखा जाता है कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति/अग्रिम के प्रकरण कार्यालय को भेजने से पूर्व संबंधित कार्यालय द्वारा पूर्ण परीक्षण नही किया जाता है जिससे चिकित्सा प्रतिपूर्ति/अग्रिम के प्रकरण दिये गये दिशा-निर्देशो के साथ ही निम्नानुसार परीक्षण कर प्रस्तुत किये जावे :
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1. संबंधित कर्मचारी का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित नवीन शैक्षणिक केडर में कब हुआ आदेश संलग्न कर भेजे साथ में चिकित्सा की अवधि यदि दिनांक 01.072018 से पूर्व के है तो अपने स्तर से निरस्त कर संबंधित को अवगत करावें।. |
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2. संबंधित कर्मचारी के परिवार का चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रकरण है तो नियमानुसार आश्रित प्रमाण पत्र संलग्न कर भेजे(पति/पत्नि, माता/पिता), यदि पुत्र/पुत्री अवयस्क है तो आयु अंकित करें। |
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3. चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रकरणों में विधिवत प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष की जारी कर स्वास्थ्य विभाग की कार्योत्तर स्वीकृति के साथ संलग्न करें। |
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4. यदि चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रकरणों में स्वीकृति बंटन या सामान्य चिकित्सा देयकों के भुगतान हेतु बंटन की आवश्यकता है तो प्रशासकीय स्वीकृति के साथ चिकित्सा देयकों की छायाप्रतियां भी अभिप्रमाणित कर उपलब्ध करावें। |
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5. यदि चिकित्सा प्रतिपूर्ति में अग्रिम की राशि चाही जाती है तो मान्यता प्राप्त/गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल का स्टीमेट स्पष्ट और निर्धारित समयावधि का हो परीक्षण उपरांत समस्त, सहपत्र संलग्न कर इस कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें। |
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लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश द्वारा आदेश जारी दिनाक ०३/१२/२०२० को जारी आदेश का अवलोकन कीजिये |
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चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति/अग्रिम हेतु संचालनालय को राशि आवंटन हेतु मांग पत्र उपलब्ध कराये जाते हैं। मांग पत्र के अवलोकन उपरांत कई कमियां पाई जा रही है, जिससे उक्त मांग पत्र पर कार्यवाही करने में अनावश्क पत्राचार करना होता है। मांग पत्र संचालनालय को प्रेषित करते समय निम्नानुसार निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें : |
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जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति मूल प्रति में ही विभाग को उपलब्ध करावें। तथा स्पष्ट उल्लेख करें कि स्वयं का है अथवा पति/पत्नि, पुत्र/पुत्री एवं माता/पिता। स्वास्थ विभाग द्वारा जारी कार्योत्तर स्वीकृति की छायाप्रति एवं देयकों पर द्वितीय अभिमत में छूट देने हेतु प्रमाण पत्र (प्रोलोंग प्रमाण पत्र) को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित कर ही उपलब्ध करावें। |
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प्रशासकीय स्वीकृति तथा स्वास्थ विभाग द्वारा जारी कार्योत्तर की प्रति पठनीय योग्य हों। |
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प्रकरण यदि आश्रितों के चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति/अग्रिम के लिये प्रस्तुत किये जाते हैं, तो आश्रित की पुष्टि हेतु प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करावें। आश्रित यदि पेंशनर / सेवा में है तो उसका भी अनिवार्य रूप से उल्लेख करें एवं पुत्र/पुत्री की आयु लिखे। |
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यदि प्रकरण पुराने वित्तीय वर्ष के हैं तो, समय से प्रस्तुत नहीं करने का कारण स्पष्ट करते हुए नवीन वित्तीय वर्ष की प्रशासकीय स्वीकृति के साथ ही प्रस्तुत किये जायें। विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकरणों को उचित माध्यम से ही संचालनालय को उपलब्ध करना सुनिश्चित करें। |
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